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साटन स्टिच (Satin Stitch)

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इस टाँके को गोल एम्ब्रायडरी भी कहते हैं क्योंकि भरने के बाद यह साटन की भान्ति मुलायम होता है इसलिए इसे साटन टाँका कहते हैं। इस टाँके का चुनाव छोटे-छोटे फूल-पत्तियों के बनाने में किया जाता है। इस टाँके द्वारा घर के सजावटी वस्त्रों व पहनने वाले वस्त्रों को सजाया जाता है।

आवश्यक सामग्री: फ्रेम, सूई, बुनाई वाला कपड़ा और कैची तथा धागे।

कपड़े के अनुसार साटन स्टिच के प्रकार: डिजाईन तथा आकार के अनुसार साटन स्टिच तीन प्रकार से बनाये जाते हैं।

(1) सीधा

(2) तिरछा एवं

(3) चिरवा

बनाने का ढंग: जिस फूल या पत्ती पर यह डिजाईन बनाना हो उसकी ट्रेस की लाईन में गोलाई में टाँका लिया जाता है। नोकदार पत्तियों में टाँका नोक से शुरू करते हैं। उभार देने के लिए साटन स्टिच करने से पहले कच्चे धागे द्वारा पत्तियों में पेडिड दी जाती है। इस तरह बनाया गया साटन पेडिड साटन या साटन स्टिच कहलाता है।


ध्यान रखने योग्य बातें

(1) फूल की पंखुडि़यों में टाँके का रूख एक तरफ होना चाहिए।

(2) टाँके साथ-साथ लेने चाहिए ताकि कपड़ा नजर न आए।

सरोज बाला, ग्लोबल सीटी, कुरूक्षेत्र (हरियाणा)

<हाथ कढ़ाई में बेसिक टाँके (Basic Stitches in Hand Embroidery)

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