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कश्मीरी टाँका (Kashmiri Stitch)

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जैसा कि नाम से ही प्रतित होता है कि इसका आरम्भ कश्मीर से हुआ था। कश्मीर के कचनार के पत्ते, केसर के फूल अधिकत्तर इसी कढ़ाई के बनाए जाते हैं। यह डिजाईन स्क्रोल स्टिच, बटन होल तथा इसी स्टिच से बनाया जाता है। इस कढ़ाई से अधिकत्तर साड़ीयाँ, बच्चों की फ्रॉक्स, सूट के पट्टे इत्या​दि बनाए जाते हैं। इसमें रंग इच्छानुसार मैचिंग तथा अलग-अलग लगाए जा सकते हैं।

आवश्यक सामग्री: सूई, धागा, फ्रेम, कपड़ा व छोटी कैंची।

बनाने की विधि: कश्मीरी टाँका बनाते समय सबसे पहले सूई को कपड़े में से ऊपर निकाल लेते हैं फिर जितना किया जाता है उस सारे डिजाईन पर डण्डी टाँका किया जाता है। डण्डी टाँका करने के बाद जहाँ डण्डी टाँका किया उसमें थोड़ा सा नीचे से एक लम्बा डण्डी टाँके से थौड़ा दूर करके इसमें आधा टाँका लेते है। इस प्रकार यह टाँका बनाते हैं। इस टाँके के डिजाईन में के शक्ल के डिजाईन बने होते हैं। ये टाँके देखने में सुन्दर लगते हैं। इससे शालों पर बॉर्डर बनाए जाते हैं।

ध्यान रखने योग्य बातें:

(1) डिजाईन बनाने के बाद डिजाईन जैसा ही नजर आना चाहिए।

(2) धागे का प्रयोग कपड़े की मोटाई के अनुसार ही करना चाहिए।

(3) दोहरी रेखाओं में बारीक-बारीक टाँकों का प्रयोग करना चाहिए।

सरोज बाला, ग्लोबल सीटी, कुरूक्षेत्र (हरियाणा)

<हाथ कढ़ाई में बेसिक टाँके (Basic Stitches in Hand Embroidery)

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