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फुलकारी स्टिच (Phulkari Stitch)

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पंजाब में प्राचीन काल से शादी आदि में फुलकारी आदि ओढ़ने का प्रचलन रहा है। फुलकारी एक ऐसा कसीदा है जिसमें कपड़ों को कढ़ाई द्वारा ढक दिया जाता है। इसमें कपड़े की विशेषता बिल्कुल दब जाती है। इसी कढ़ाई किये कपड़े को फुलकारी तथा कढ़ाई से फुलकारी वर्क कहते हैं। इस द्वारा अधिकत्तर ओढ़नियाँ जिसे ‘लाग‘ के नाम से पुकारा जाता है। फैशन के अनुसार बच्चों के कपड़े, लेडिज कमीज, शालें इत्यादि भी बनाये जाते हैं।

आवश्यक सामग्री: सूई, धागा, कपड़ा, फ्रेम व छोटी कैंची।

बनाने की विधि: फुलकार वर्क उन कपड़ों पर किया जाता है जिसकी तारें आसानी से गिनी जा सकती हैं। पहले ये खद्दर पर की जाती थी। परन्तु उसके लिए आजकल इसके लिए खद्दर केसमेंट का प्रयोग किया जाता है। साधारणतय: यह दो प्रकार की होती है:

(1) कच्ची फुलकारी

(2) पक्की फुलकारी

अ. कच्ची फुलकारी सीधी साईड से तथा पक्की फुलकारी उल्टी साईड से की जाती है।

आ. कपड़े की तारों को गिन कर घटा-बढ़ा कर सुन्दर डिजाईन बना सकते हैं।

ध्यान रखने योग्य बातें:

(1) रेशम के धागे की तीन तारें लेनी चाहिए।

सरोज बाला, ग्लोबल सीटी, कुरूक्षेत्र (हरियाणा)

<हाथ कढ़ाई में बेसिक टाँके (Basic Stitches in Hand Embroidery)

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