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सिंधी कढ़ाई व शीशा वर्क
सिंधी कढ़ाई सजावट के लिए वस्त्रों पर करते हैं। यह केवल हाथ से होती है। शीशा वर्क हाथ व मशीन दोनों से हो जाता है। सिंधी कढ़ाई का बहुत रिवाज है। यह लेडीज कुर्ते व कमीज पर की जाती है। शीशा वर्क लेडीज कमीज, सिनरीयों व कुशन पर की जाती है।
आवश्यक सामग्री: सिंधी कढ़ाई के लिए सूई, धागा, फ्रेम व कपड़ा तथा शीशा वर्क के लिए शीशा व कपड़े का छोटा पीस।
बनाने की विधि: सिंधी वर्क हैरिंग बोन स्टिच के आधार पर बनाते हैं। यह सिंध प्रान्त की देन है। पहले हैरिंग बोन स्टिच द्वारा पूरा करते हैं। फिर इसमें हम ध्यान रखते हैं कि पहली विधि में सूई को नीचे से एक बार तथा एक बार ऊपर से निकालते हैं। ऐसा करने एक जाल सा बन जाता है। इस जाल को पूरा करने के लिए चौथी विधि का प्रयोग किया जाता है। हर तीसरी बेल को अधूरी बेल भी कह सकते हैं। चौथी विधि का प्रयोग करके बेल को बना सकते हैं। तीसरी विधि को नीचले क्रास में से पूरा बना लेते हैं।
शीशा वर्क: शीशा लगाते समय शीशा कपड़े पर रखकर चारों ओर से आऊट लाईन दी जाती है। शीशे को कई तरह से लगा सकते हैं। जैसे फैंसी बनाने के लिए बटन होल स्टिच बना सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें:
(1) सिंधी वर्क बनाते समय हैंरिग बोन स्टिच एक जैसे होने चाहिए।
(2) सिंध वर्क बनाते समय एक टाँका दबा हुआ व दूसरा उठा हुआ होना चाहिए।
सरोज बाला, ग्लोबल सीटी, कुरूक्षेत्र (हरियाणा)
<हाथ कढ़ाई में बेसिक टाँके (Basic Stitches in Hand Embroidery)