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आहार प्रबन्धन

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डेरी फार्म पर जैविक सुरक्षापशुओं में रोग नियन्त्रण के उपाय

डेरी स्थल का चुनावपशु समूहों के लिए अलग-अलग आवासीय प्रबन्धनसाफ-सफाई व कीटाणुशोधनरोगी पशु(ओं) को स्वस्थ पशुओं से अलग रखनासंगरोधअपने ही पशुओं को रखनापशुओं की खरीद के स्रोत का पता लगाना व प्रयोगशाला परीक्षणों की सहायता लेनानये पशु खरीदते समयटीकाकरणपरजीवी नियन्त्रणतनाव से बचानाआहार प्रबन्धन; मृत पशुओं का निष्तांतरणवन्यजीव जैव सुरक्षालोगों व पालतू पशुओं का नियन्त्रणयातायात पर नियन्त्रणआहार व आहार के उपकरणउपकरणों की साफ-सफाईगर्भाधान

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पशु को जब भी उसकी जरूरत के अनुसार भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान नही किये जाते हैं तो उनमें आहारीय तनाव उत्पन्न होता है। पशु के आवश्यक पोष्क तत्वों में शुष्क पदार्थ, प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज तत्व, विटामिन एवं पानी हैं।

कई बार आवश्यक चारे की उपलब्धता की कमी से पशु को शुष्क पदार्थ व आवश्यक पोष्क तत्व नही मिलते। ऐसी स्थिती में पूरक चारे का भण्डारण आवश्यक हो जाता है जिससे इन तत्वों की पूर्ति हो सके। कई बार इस पूरक चारे की गुणवत्ता अच्छी नही होती है, इसलिए उत्पादन क्षमता को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त अनुपूरक के रूप में अन्य खाद्य पदार्थ भी पशुओं को उपलब्द्ध करवाने चाहिए।

अप्‍​र्याप्त प्रोटीन व ऊर्जा से पशुओं की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है व वह तनावपूर्ण स्थिती में भी आ जाता है। यह स्थिती उस कार जैसी होती जिसमें उसको ठण्डा करने लिए ईंधन, जल व व शीतक नही डालते व कार खराब होती है। ऐसी स्थिती में पशु की एक या एक से ज्यादा शारीरिक प्रक्रियाएं बन्द या मन्द हो जाती हैं जिनमें से पशु की प्रजनन क्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। दूधारू पशुओं को दुग्ध उत्पादन के लिए समय पर आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करना बहुत जरूरी है। यह महत्वपूर्ण पोषक तनाव को कम करता है।

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