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श्रीमद्भगवद्गीता उद्धरण - 1

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 श्रीमद्भगवद्गीता उद्धरण - 1उद्धरण - 2उद्धरण - 3

श्रीमद्भवद्गीता में कर्मयोग, ज्ञानयोग एवं भक्तियोग की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुर्इ है। इसे सभी लोगों को पढ़ना चाहिए। - डा. भीमराव अम्बेडकर (भारत रत्न)


आपके अनुसार स्वतन्त्रता संग्राम एवं ब्रिटिश शासन के विरूद्ध होने का सबसे बड़ा प्रेरक श्रीमद्भगवद्गीता जी हैं। - सुभाष चन्द्र बोस (स्वतन्त्रता सेनानी)


आप संस्कृत के ‌‌‌विद्यार्थी रहे तथा श्री गीता जी का अध्ययन करने के साथ ही स्वतन्त्रता संग्राम के लिए इसे ही सबसे बड़ा प्रेरक मानते थे। - चन्दशेखर आजाद


1857 र्इ. से स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरूद्ध युद्ध के अन्ति पड़ाव में आपने श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोकों का उच्चारण किया था। - रानी लक्ष्मी बार्इ


श्रीमद्भगवद्गीता हमारे धर्मग्रन्थों में एक अत्यन्त तेजस्वी और निर्मल हीरा है। संसार में दु:खित मनुष्य को शान्ति देकर उसे निष्काम कर्त्तव्य के आचरण में लगाने वाले गीता के समान बालबोध-ग्रन्थ, संस्कृत की तो बात ही क्या, समस्त संसार के साहित्य में नही मिल सकता। - लोकमान्य बालगंगाधर तिलक


आप श्रीमद्भगवद्गीता के अच्छे भक्त थे तथा गीता-संदेश (The Massage of Bhagwad Gita) नामक पुस्तक भी लिखी थी जो इन्डियन प्रेस, इलाहाबाद सन् 1908 में प्रकाशित हुर्इ थी। - लाला लाजपत राय, स्वतन्त्रता सेनानी


फाँसी पर जाते हुए उन्होने अपनी माता को श्रीमद्भवद्गीता को उद्घृत किया। - हेमू कालानी (स्वतन्त्रता सेनानी, सिन्ध)


भगवान् ने सभी मुमुक्षओं के लिए सहस्त्र मुख से किये जाने वाली व्‌याख्या की कुशलता को धारण करके आन्नद स्वरूप् अमृत रूपी गीता शास्त्र को कहा। - आचार्य श्रीधर


स्कल दु:ख निवारणार्थ भगवान् श्री कृष्ण के द्वारा कही गर्इ त्वरित आन्नददायी रूपी गीता शास्त्र को बार-बार नमन। - आचार्य धर्मदत्त शर्मा (बच्चा झा)


श्रीमद्भगवद्गीता जो इन्सान ज्ञान प्रदान करती है, उससे मनुष्य परिपूर्णता को प्राप्त कर सकता है। -डा. एस. राधाकृष्णनन्


गीता उपनिषदों के उपवन से चुने हुये अध्यात्मिक सत्यों के सुन्दर पुष्पों का एक गुच्छा है। - ‌‌‌स्वामी विवेकानन्द जी


श्रीमद्भगवद्गीता मानव जाति का एक शाश्वत शास्त्र है, जो प्रत्येक काल एवं प्रत्येक सभ्यता को नया संदेश देती है। - महर्षि अरविन्द


गीता और मेरा सम्बन्ध तर्क से परे है मेरा शरीर माँ दूध पर जितना पला है, उससे कहीं अधिक मेरे हृदय और बुद्धि का पोषण श्री गीता जी के दूध पर हुआ है। - विनोभा भावे (भारत रत्न)

आप गीता ‌‌‌भक्त थे तथा गीता जी का स्वाध्याय किया करते थे। - जयप्रकाश नारायण (राजनेता)


‘गीता को धार्मिक सर्वोत्तम ग्रन्थ मानने का यही कारण है कि उसमें ज्ञान, कर्म और भक्ति - तीनों योगों की न्याययुक्त व्याख्या है; अन्य किसी भी ग्रन्थ से इसका सामंजस्य नही किया जा सकता है।’ - बंकिमचन्द्र चट्टोपध्याय


भारत की आजादी श्री गीता जी के बिना मुझे महत्त्वहीन लगती है। - कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी


मैं वाड़्गमय रसिक, संस्कृत, साहित्यज्ञ, कर्मयोगी, ज्ञानी, भक्त और ‌‌‌व्याकरणी नही हूँ, फिर भी गीता मुझे अच्छी लगती है। इसका एक कारण तो यह है कि उसके गाने वाले पर मेरा अतिशय प्रेम है और दूसरा उसमें मुझे भगवान् के स्वमुख से दिये गये बहुत से आश्वासन मिले हैं। - पाण्डुरंग शास्त्री अठावलेजी


श्रीमद्भगवद्गीता एक अनुपम ग्रन्थ है। इस छोटे से ग्रन्थ में मानवधर्म का एक महत्त्व तत्त्व स्पष्ट शब्दों में व्यक्त किया गया है। - पं. श्रीपाद दामोदर सातवलेकर


मेजर साहब श्री गीता जी का प्रतिदिन पाठ करते थे तथा युद्ध के समय में भी श्री गीता अपनी आगे की जेब में रखते थे। - मेजर सोमनाथ शर्मा (प्रथम परमवीर चक्र विजेता)


अनादि मी, अनन्त मी, अवध्य मी भला मारिल रिपु, जगति असा, कवण जन्मला। यानि, मै अनादि हूँ, अन्नत हूँ अत: कौन ऐसा शत्रु है, जो मुझे मार सके। सावरकर ने जेल में लिखे सांत्वना काव्य में भगवद्गीता से प्रेरित विचार व्यक्त किये थे। - वीर सावरकर


अन्तिम समय आने पर महाराजा श्री रणजीत सिंह की इच्छानुसार पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता उनके ‌‌‌वक्षस्थल पर रखी गर्इ। - महाराजा रणजीत सिंह


श्रीमद्भगवद्गीता ‌‌योगशास्त्र का उत्कृष्ट ग्रन्थ है। - ग्राहम एम. श्वेग (योग शिक्षक, अमेरीका)


गीता योग शास्त्र है। योग का ‌‌‌शाब्दिक अर्थ है, ‘मिलन’ अर्थात परमात्मा से एकात्म भाव प्राप्त करना, बाहर की ओर प्रवाहित होने वाली समस्त शक्तियों को परमात्मा से जोड़ना। - डा. एनी बेसेन्ट


मनवता को समाज में स्थापित करने का सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ श्रीमद्भगवद्गीता है। - तुलसी गबार्ड

 श्रीमद्भगवद्गीता उद्धरण - 1; उद्धरण - 2; उद्धरण - 3

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