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फसल सुरक्षा सूत्र - ब्रह्मास्त्र
जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फसल सुरक्षा सूत्र; नीमास्त्र; अग्नि-अस्त्र; ब्रह्मास्त्र; दशपर्णी अर्क; नीम मलहम; थ्रिप्सरोधी; फफूंदनाशक; सप्त-धान्यांकुर अर्क
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फसल सुरक्षा सूत्र के अन्तर्गत ब्रह्मास्त्र बनाने के लिए नीम, बेल पत्थर, अरण्डी, धतूरे एवं आम के पत्तों की चटनी और देशी गाय का मूत्र का उपयोग किया जाता है।
ब्रह्मास्त्र का उपयोग बड़ी सुंडियों/ इल्लियों के नियन्त्रण के लिए किया जाता है। यह पूर्ण विकसित लार्वा का प्रबंधन करने के लिए प्रभावशाली है। (Patil 2016; Shekhara et al. 2014)
बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
गौ-मूत्र |
20 लीटर |
नीम (Neem) की (छोटी-छोटी टहनियाँ पत्तों सहित) चटनी |
2 किलोग्राम |
बेल (Aegle marmelos) के पत्तों की चटनी |
2 किलोग्राम |
अरण्डी (Castor) के पत्तों की चटनी |
2 किलोग्राम |
धतूरे (Datura innoxia) के पत्तों की चटनी |
2 किलोग्राम |
आम (Mango) के पत्तों की चटनी |
2 किलोग्राम |
विशेष: उपरोक्त पेड़ों के पत्तों के अतिरिक्त करंज (Pongamia pinnata), सीताफल (Custard apple) या लैन्टाना के पत्तों की चटनी का भी उपयोग किया जा सकता है। इन सभी को 2-2 किलोग्राम की मात्रा में उपयोग किया जाता है।
बनाने की विधि
उपरोक्त 5 प्रकार की वनस्पत्तियों की चटनी लेकर 20 लीटर गौ-मूत्र में डालकर धीमी आँच पर एक उबाल आने तक गर्म करें।
इसके बाद इसे 48 घण्टे तक छाया में रखें।
दिन में दो बार धीरे-धीरे 1 मिनट के लिए घड़ी की सुईयों की दिशा में मिलाएं। सबसे अच्छा मिट्टी का बर्तन होता है, तांबे के बर्तन का उपयोग किया जा सकता है।
इसके बाद इसको छानकर भण्डारण करें। इसका उपयोग 6 महीने तक कर सकते हैं।
200 लीटर पानी में 6 लीटर ब्रह्मास्त्र मिलाकर एक एकड़ में प्रयोग करें।