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फसल सुरक्षा सूत्र - दशपर्णी अर्क

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‌‌‌‌‌‌जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फसल सुरक्षा सूत्रनीमास्त्रअग्नि-अस्त्रब्रह्मास्त्र; दशपर्णी अर्क; ‌‌‌नीम मलहमथ्रिप्सरोधीफफूंदनाशकसप्त-धान्यांकुर अर्क

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इसका उपयोग सभी प्रकार के कीट प्रबंधन के लिए किया जाता है (Patil 2016; Kumaranag, Kedar and Patil 2013)। यह तना छेदक व अधिक हानि पहुंचाने वाले कीटों के प्रति बहुत लाभकारी है। ‌‌‌इसके उपयोग करने से फल की गुणवत्ता में बढ़ौतरी होती है और इससे पौधों के संरक्षण उपायों की लागत में भी कमी आती है (Gonjari, Tambade and Javalage 2016)।

बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

पानी

200 लीटर

देशी गाय का मूत्र

20 लीटर

देशी गाय का गोबर

2 किलोग्राम

नीम (Neem) की छोटी-छोटी टहनियाँ पत्तों सहित, करंज (Karanj) के पत्ते, अरण्डी (Castor) के पत्ते, सीताफल (Custard apple) के पत्ते, बिल्व (Stone apple) के पत्ते, गेंदे (Marigold) का पुरा पौधा, तुलसी (Basil) की टहनियाँ पत्तों सहित, धतूरे (Datura) के पत्ते, आम (Mango) के पत्ते, आक (Crown flower) के पत्ते, अमरूद (Guava) के पत्ते, अनार (Pomegranate) के पत्ते, देशी कड़वा करेले (Bitter gourd) के पत्ते, गुडहल (Hibiscus) के पत्ते, कनेर (Oleander) के पत्ते, ‌‌‌ अर्जुन (Arjun tree) के पत्ते, हल्दी (Turmeric) के पत्ते, अदरक (Ginger) के पत्ते, पवाड़ (Stinking Cassia ) के पत्ते, पपीते (Papaya) के पत्ते

किन्ही दस पौधों के पत्ते

2-2 किलोग्राम (शुरू से प्राथमिकता)

हल्दी पाउडर

500 ग्राम

अदरक की चटनी

500 ग्राम

हींग पाउडर

10 ग्राम

तम्बाकू पाउडर

1 किलोग्राम

तीखी हरी मिर्च

1 किलोग्राम

देशी लहसून की चटनी

1 किलोग्राम

विधि

गोबर व मूत्र को पानी में अच्छी प्रकार घोल कर 2 घण्टे के लिए रख दें।

‌‌‌फिर इसमें हल्दी का पाउडर, अदरक की चटनी व हींग के पाउडर को लकड़ी की डण्डी से अच्छी प्रकार मिला कर 24 घण्टे के लिए छाया में रखें।

इसके बाद एक बार फिर लकड़ी की डण्डी से हिलाकर इसमें तम्बाकू का पाउडर, तीखी मिर्च व देशी लहसून अच्छी प्रकार मिलाकर 24 घण्टे के लिए रख दें।

इसके बाद घटक विवर्णित किन्ही दस प्रकार के पौधों के 2-2 किलोग्राम पत्तों को इस तैयार मिश्रण में डालकर दबा दें।

फिर इस मिश्रण को बोरी से ढक कर 30-40 दिन के लिए रख दें। इस दौरान इस मिश्रण को सुबह-शाम घोलें।

दशपर्णी अर्क तैयार होने के बाद 6-8 लीटर अर्क को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ की फसल में छिड़काव करें।

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