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दिल व मधुमेह में कारगर योग
निरोग रहने के लिए योग का महत्त्व तो सभी को पता है लेकिन अब योग का प्रयोग गैर संक्रामक बीमारीयों को नियन्त्रित करने के लिए किया जाता है। यदि दिल व मधुमेह के रोगी नियमित योग करें तो चयापचयी सिंड्रोम (metabolic syndrome) को कम रख सकते हैं। जो मोटापा बढ़ाने और डायबिटीज टाइप-2 (diabetes type-2) के लिए कारक है। एक अध्ययन के अनुसार योग करने वाले 81 प्रतिशत मरीजों का चयापचयी सिंड्रोम नियन्त्रित था, इसके साथ ही योग के कारण बी.एम.आर्इ. (body mass index) एल.डी.एल. (low density lipid) प्रोफार्इल और रक्तचाप नियन्त्रित पाया गया, जबकि जिन लोगों को केवल दवार्इ दी गर्इ उनके चपापचयी सिंड्रोम में अधिक अन्तर नही देखा गया। रक्त में कॉलेस्ट्राल बढ़ाने में चपापचयी सिंड्रोम का खास रोल होता है। जो सी.एस.डी. (Coronary heart disease) व डायबिटीज टाइप-2 लिए जिम्मेवार है। इसलिए नए अध्ययनों के अनुसार यदि योग नियमित किया जाए तो आप चयापचयी सिंड्रोम को कंट्रोल कर डायबिटीज टाइप-2 व सी.एस.डी. जैसे जानलेवा बीमारीयों से बचे रह सकते हैं।