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दिल को दुरूस्त रखें
दिल शरीर का महत्तवपूर्ण अंग है। यह सारी उम्र थके बिना चलता रहता है और शरीर के हर अंग को ऑक्सीजन एवं ऊर्जा पंहुचाता रहता है। इसी रतह यह गंदे पदार्थों को शरीर से बाहर पहुंचाने में सहायता करता है। कुछ सजगताएं बरतकर आप दिल को दुरूस्त रख सकते हैं।
दिल की बीमारियों के जोखिम कारक: -
- उच्च रक्तचाप या हाई ब्लडप्रेशर या (Hypertension)
- मोटापा
- शारीरिक निष्क्रियता
- ज्यादा शराब का सेवन
- शारीरिक व्यायाम न करना
- तनावपूर्ण जिन्दगी
- मनोवैज्ञानिक तनाव
- लम्बे समय से तनावपूर्ण कार्य
- चिन्ता व उदासी
- समाजिक एकाकीपन
- वैवाहिक जीवन का सुखी न होना
- महिलाओं की अपेक्षा पुरूष ज्यादा प्रभावित होते हैं
- बढ़ती उम्र
- कम शैक्षिणिक योग्यता
- निम्न सामाजिक आर्थिकता
- अत्यधिक चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थ भोजन के रूप में खाना जो कालांतर में रक्त में कॉलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ाते हैं।
- विटामीन डी व अन्य विटामीनों की आहार में कमी
- असंतुलित आहार
- ज्यादा खाना
- अनियमीत भोजन की आदत
- डायबिटीज (Diabetes) को समुचित रूप से नियन्त्रित न कर पाना
- धुम्रपान करना
भारतीय विश्व के अन्य देशों की तुलना में कहीं ज्यादा हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। भारतीयों की जीन सरंचना कुछ ऐसी है कि उन्हे कम उम्र में ही उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय रोगों का जोखिम कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा भारतीय व्यंजन कुछ ज्यादा ही चिकनाईयुक्त होते हैं।
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