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उक्त रक्तचाप (Hypertension)
उक्त रक्तचाप (Hypertension) बहुत ही गंभीर और भयंकर रोग है क्योंकि अगर रोगी को सही समय पर सही चिकित्सीय मदद नहीं मिलती तो इससे हार्ट अटैक, ब्रेन हैंमरेज, वगैरह भी होने की संभावना रहती है। उच्च-रक्तचाप वह रोग है जिसमें हृदय के संकुचन की अवस्था में रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव 140 mmHg से ज्यादा या हृदय के विस्तारण की अवस्था में 90 mmHg से ज्यादा रहता है या दोनों अवस्थाओं में ज्यादा रहता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी, मोटापा, तनाव, खाने-पीने में लापरवाही, गंभीर बीमारियाँ, अनुवांशिक बीमारियाँ, धूम्रपान, नशा इत्यादि इसके कारण हैं।
- रक्त का गाढ़ा होना, उच्च रक्तचाप के मुख्य कारणों में से एक है। रक्त गाढ़ा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। जिससे नसों और धमनियों पर दबाव पड़ता है। लहसुन (garlic) में बहुत ही ताकतवर उपचायक विरोधी (antioxidants)तत्व जैसे कि सेलेनियम, विटामिन सी और एलीसीन (Alicin) होते हैं, जो कि रक्त को पतला करने में काफी प्रभावशाली होते हैं। इसीलिए सुबह सुबह कच्चे लहसुन के दो तीन कली के टुकड़े चबाने से या उसके महीन टुकड़े करके निगलने से काफी फायदा पहुँचता है।
- नमक रक्तचाप बढाने वाला प्रमुख कारक है, इसलिए उक्त रक्तचाप वाले मरीजों को नमक का सेवन कम करना चाहिए।
- एक चम्मच आंवले का रस और एक ही चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से उक्त रक्तचाप में बहुत लाभ होता है।
- उक्त रक्तचाप के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभकारी है, इसे खाली पेट चबा-चबाकर खाना चाहिए ।
- तरबूज के बीज तथा खसखस को अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। प्रतिदिन खाली पेट एक चम्मच पानी के साथ लें।
- गाजर और पालक का रस मिलाकर एक गिलास सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
- उक्त रक्तचाप को जल्दी नियन्त्रित करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीना चाहिए।
- जब रक्तचाप बढा हुआ हो तो आधा गिलास हल्के गर्म पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोलकर 2-2 घंटे में पीते रहें।
- करेला और सहजन की फ़ली का नित्य सेवन उच्च रक्त चाप में बहुत लाभकारी हैं।
- सौंफ़, जीरा, शक्कर तीनों को बराबर लेकर पाउडर बना लें। इसे एक चम्मच एक गिलास पानी में घोलकर सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।
- उक्त रक्तचाप में पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं।
- उच्च रक्तचाप में मरीजों को सुबह शाम एक टुकड़ा अदरक का काली मिर्च के साथ चूसना चाहिए ।
- लाल मिर्च के सेवन से नसें और रक्त वाहिकाएं (blood vessels) चौड़ी हो जाती हैं,जिससे रक्त प्रवाह सहज हो जाता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
- चौकर निकाले बिना गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खानी चाहिए ।
- पाँच ग्राम मेथीदाना (fenugreek) पाउडर द्रह दिनों तक सुबह-शाम पानी के साथ लें। इससे भी लाभ मिलता है।
- प्रतिदिन नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट जरूर चलें, इससे रक्तचाप सामान्य रहता है।
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