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पञ्चामृत पर्पटी
गुण व उपयोग: पञ्चामृत पर्पटी संग्रहणी, अतिसार, पांडु, अरूचि, मन्दाग्नि, अम्लपित्त, शूल व दमा आदि रोगों में विशेष लाभ करती है। संग्रहणी रोग में अनुभवी वैद्य इसका विशेष उपयोग करते हैं। इसमें पाचन क्रिया बिगड़ जाने के कारण कमजोरी व खून की कमी हो जाती है। ऐसे में इसके सेवन से उत्तम लाभ मिलता है। सभी पर्पटी में पञ्चामृत पर्पटी सर्वश्रेष्ठ है। पित्तजन्य विकारों पर ताम्र पर्पटी के अतिरिक्त अन्य पर्पटियां काम नहीं देती, किन्तु पञ्चामृत पर्पटी पित्त के विकरों पर भी अच्छा काम करती है। अनुभवी वैद्यगण अनेक रोगों में इसका उपयोग करते है।
मात्रा व अनुपान: 125 से 375 मिलीग्राम, दिन में 2 - 3 बार, भूने हुए जीरे का चूर्ण व शहद के साथ चटाकर ऊपर से दूध, छाछ या जूस देना चाहिए।
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