Home | आयुर्वेद संग्रह | आयुर्वेदिक पर्पटी

Sections

Newsletter
Email:
Poll: Like Our New Look?
Do you like our new look & feel?

आयुर्वेदिक पर्पटी

प्रणदा पर्पटी

गुण व उपयोग: प्रणदा पर्पटी के सेवन से पांडु, अतिसार, संग्रहणी, ज्वर, खाँसी, प्रमेह, अग्निमांद्य का नाश, धातु कमजोरी, हृदय की कमजोरी, दस्त में आंव
Full story

मल्लपर्पटी

गुण व उपयोग: मल्लपर्पटी तीक्ष्ण व उष्णवीर्य है। इसके सेवन से ज्वर, वातज्वर, कफ ज्वर, वमन, श्वास की गति में बाधा पड़ना, श्वास की गति...
Full story

विजय पर्पटी

गुण व उपयोग: विजय पर्पटी ग्रहणी रोग, उपद्रव सहित राजयक्ष्मा, शोथ, पुराना अतिसार, पांडु रोग, प्लीहा रोग, हृदय की धड़कन बढ़ना, चिन्ता, भ्रम, चक्कर, सिरदर्द,...
Full story

मण्डूर पर्पटी

गुण व उपयोग: मण्डूर पर्पटी के सेवन से पांडु, तिल्ली व यकृत् विकार, मन्दाग्नि, शोथ, संग्रहणी आदि रोगों में विशेष लाभ मिलता है। यकृत-वृद्धि के...
Full story

श्वेत पर्पटी

गुण व उपयोग: श्वेत पर्पटी के सेवन से अम्लपित्त, मूत्रकृच्छ, मूत्रघात, अजीर्ण, पेट का दर्द, मूत्र की उत्पत्ति कम होना, मन्दाग्नि, अफारा व अश्मरी आदि...
Full story

बोल पर्पटी

गुण व उपयोग: बोल पर्पटी के सेवन से शरीर के किसी भी स्थान से रक्तस्राव बन्द हो जाता है। यह पर्पटी रक्तपित्त (नाक या गुदा...
Full story

पञ्चामृत पर्पटी

गुण व उपयोग: पञ्चामृत पर्पटी संग्रहणी, अतिसार, पांडु, अरूचि, मन्दाग्नि, अम्लपित्त, शूल व दमा आदि रोगों में विशेष लाभ करती है। संग्रहणी रोग में अनुभवी...
Full story

स्वर्ण पर्पटी

गुण व उपयोग: स्वर्ण पर्पटी पांडु, प्रमेह, दमा, अतिसार, क्षय एवं पाचन संस्थान के रोगों में उत्तम लाभ प्रदान करती है। यह पाचक, दीपक, रस-रक्तादि...
Full story

लौह पर्पटी

गुण व उपयोग: लौह पर्पटी के सेवन से संगहणी अम्लपित्त, मन्दाग्नि, पांडु रोग, यकृत् के रोग व खून की कमी में उत्तम लाभ मिलता है।...
Full story

ताम्र पर्पटी

गुण व उपयोग: ताम्र पर्पटी अतिसार-संग्रहणी, यकृत, कुष्ठ, दाह, प्लीहा-विकार, उदर विकार, प्रमेह, शूल, पांडु, अम्लपित्त आदि रोगों में अत्तम लाभ करती है। इस पर्पटी...
Full story

गगन पर्पटी

गुण व उपयोग: गगन पर्पटी मन्दाग्नि, वात-कफ-जन्य राजयक्ष्मा की खाँसी या राजयक्ष्मा रोग में अधिक दस्त होना, खाँसी, भूख न लगना, अजीर्ण, दमा, कफ की...
Full story
total: 11 | displaying: 1 - 11
Log in
Featured author
Dr. K.L. Dahiya Veterinary Surgeon, Department of Animal Husbandry & Dairying, Haryana - India