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हींगुकर्पूरादि बटी

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गुण व उपयोग: ज्वरावस्था में सन्निपात के आरम्भिक लक्षण में ही हींगुकर्पूरादि बटी करवाने से विश्रेष लाभ मिलता है। यह नाड़ी की गमि का नियमन करती है। इसके सेवन से हृदय रोग में कम्पन, घबराहट, चक्कर आना, दर्द आदि में उत्तम लाभ प्राप्त होता है। हिस्टीरिया रोग में यह विशेष लाभदायक है। साथ ही न्यूमोनिया में भी इसके सेवन से आशातीत लाभ मिलता है।

मात्रा व अनुपान: 1 से 2 गोली, पानी या दूध के साथ।

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