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आनन्दभैरव रस (कास)

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गुण उपयोग: यह कफ प्रधान, श्वास रोग, जुकाम के साथ खाँसी, कोष्ठशूल, कफ का बनना, अपस्मार, वातरोग, प्रमेह, अजीर्ण, खाँसी, श्वास, अतिसार, ग्रहणी, सन्निपात और अग्निमांद्य आदि रोगों में विशेष लाभ प्रदान करता है।

मात्रा अनुपान: 1 से 2 गोली, दिन में दो बार अदरक का रस, पान का रस और शहद के साथ।

विशेष: यह पित्त को उत्तेजित करता है। अत: पित्तजन्य विकार या ज्वर में इसका प्रयोग नही करना चाहिए। यदि प्रयोग करें तो किसी कफवर्द्धक औषधी के साथ या इसी तरह के अनुपान के साथ।

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