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इच्छाभेदी रस
गुण व उपयोग: इच्छाभेदी रस पेट को इच्छानुसार साफ करने वाला तेज विरेचन है। यह कफ और वात को दूर करता है तथा आँतों में संचित विकार (मल) को निकालता है व दर्द को नष्ट करता है। रोगों की चिकित्सा करने से पहले पेट साफ कर लेना उचित होता है। यह कार्य इसके सेवन से अच्छी तरह हो जाता है। परन्तु इसमें जमालगोटा है, वह पेट में गर्मी उत्पन्न करता है एवं कभी-कभी अधि दस्त भी लगा देता है। इससे ज्यादा दस्त लगने पर गर्म पानी पी लेना चाहिए। विरेचन के बाद खिचडऋी और दही खाना चाहिए।
मात्रा व अनुपान: 1 से 2 गोली (125 से 250 मिलीग्राम), सुबह ठण्डे पानी या चीनी के शरबत के साथ।
विशेष: नाजुक स्त्री, पुरूष, बच्चे या गभवती महिलाओं को नही देना चाहिए।
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