Sections

Newsletter
Email:
Poll: Like Our New Look?
Do you like our new look & feel?

गुल्मकालानल रस

Font size: Decrease font Enlarge font

गुण व उपयोग: रसगुल्मकालानल रस का उपयोग गुल्म रोग में किया जाता है। आंतों के भीतर मल का ग्रन्थि रूप में हो जाना, आंत के भीतर वायु भर कर कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर सदृश बन कर घुमना, पेट के अन्दर पतली-पतली मांस नसों का एक-दूसरे से मिलकर गाँठ के रूप में बन जाना व केवल अफारा आदि के कारण गाँठ उत्पन्न होना, ये सभी गुल्म रोग कहलाते हैं। इस सभी लक्षणों में इसका उपयोग शीघ्र लाभ प्रदान करता है।

मात्रा व अनुपान: 1 से 2 गोली, दिन में दो बार हरड़ के क्वाथ के साथ।

Rate this article
0