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कण्टकारि क्षार

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अपामार्ग क्षार; इमली क्षार; कण्टकारि क्षार; टंकण क्षार; मूली क्षार

गुण व उपयोग: - खाँसी, वास, गले की खराबी, प्रतिश्याय (सर्दी-जुकाम), मूत्रकृच्छ आ​दि रोगों को नष्ट करता है।

मात्रा व अनुपान: - 250 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक, मधु, गुलबनफ्सा आ​दि या श्रृंग्या​दि क्वाथ, शर्बत गुलबनफ्सा, शर्बत अडूसा, शर्बत मुलेठी आ​दि में मिलाकर।

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