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समशर्कर लौह

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गुण उपयोग: समशर्कर लौह वातज, कफज, पित्तज, क्षय की खँसी, रक्तपित्त श्वास रोगों में लाभदायक है। यह रोगी की कमजोरी दूर कर शरीर को पुष्ट कर बल, वर्ण एवं वीर्य की वृद्धि प्रदान करता है। सौम्य गुण प्रधान होने के कारण पित्तशामक, रक्तशेधक रक्तवर्द्धक है।

मात्रा अनुपान: 375 से 500 मिलीग्राम, दिन में दो बार।

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