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आयुर्वेदिक लौह
कालेमध-नवायस
गुण व उपयोग: कालेमध-नवायस भूख न लगना, मन्दाग्नि, हाथ-पांव व मुह की सूजन, यकृत वृद्धि आदि रोगों में उत्तम लाभ प्रदान करता है।
मात्रा व अनुपान:
कार्श्यहर लौह
गुण व उपयोग: कार्श्यहर लौह बल- वीर्यवर्द्धक, अग्नि-पाचक, वृष्य व रसायन है। इसके सेवन से शरीर में स्फूर्ति व रक्त की कमी दूर हो कर...अष्टादशांग लौह
गुण व उपयोग: अष्टादशांग लौह पीलिया, श्वास, खाँसी, रक्तपित्त, बवासीर, संग्रहणी, आमवात, रक्त विकार, कुष्ठश् कफ, हलीमक व सूजन आदि रोगों में लाभ प्रदान करता...अग्निमुख मण्डूर
गुण व उपयोग: अग्निमुख मण्डूर दीपन-पाचन है। यह सूजन, पांडु रोग, भूख न लगना, मन्दाग्नि, अपचन, बद्धकोष्ठता, रक्ताणुओं की कमी आदि में उत्तम लाभ प्रदान...अग्निमुख लौह
गुण व उपयोग: अग्निमुख लौह दीपन-पाचक है। यह पांडु, शोथ, कुष्ठ रोग, तिल्ली बढ़ना, मन्दाग्नि, उदर रोग, बादी, बवासीर, आमवात आदि रोगों में उत्तम लाभ...अमृतार्णव लौह
गुण व उपयोग: अमृतार्णव लौह रक्तशोधक, दीपक, पाचक व शक्तिवर्द्धक है। यह कोढ़, वात-रक्त, अर्श (बवासीर), फोड़ा, छोटी-छोटी फुंसियां, लाल-लाल चकते, शरीर में खुजली, उदर...अम्लपित्तान्तक लौह
गुण व उपयोग: अम्लपित्तान्तक लौह अम्लपित्त रोग में अत्यन्त गुणकारी माना गया है। इसके अलावा यकृत् व पित्ताशय की विकृति, यकृत् शूल, तृष्णा, मूत्रदाह, उदर...Log in
Featured author
Dr. K.L. Dahiya
Veterinary Surgeon, Department of Animal Husbandry & Dairying, Haryana - India