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ब्राह्मी घृत

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गुण व अनुपान: - यह दिमाग की कमजोरी हटाकर स्मरण शक्ति बढ़ाने वाला है। इसके सेवन से अपस्मार, उन्माद, हकलापन बोलना, बुद्धि की निर्भबलता, मनोदोष, वातरक्त एवं कुष्ठ रोग आदि में लाभदायक है।

मात्रा व अनुपान: - 6 से 10 ग्राम, बराबर मिश्री के साथ देकर ऊपर से दूध पिलाएं।

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