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बलादि घृत

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गुण व अनुपान: - यह हृदय रोग, शूल, उर:क्षत, रक्तपित्त, खांसी आदि में लाभ करता है। यह शरीर को बल प्रदान करता है।

मात्रा व अनुपान: - 6 से 10 ग्राम, दूध या गर्म पानी में मिलाकर, दिन में दोबार।

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