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विडन्गादि चूर्ण

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गुण व उपयोग - इस चूर्ण के उपयोग से आन्त्र कृमि जड़मूल से समाप्त हो जाते है।

संघटक - वाय विडन्ग, सेन्धा नमक, शुद्ध हीन्ग, काला नमक, कबीला, बड़ी हरड, छोटी पीपल, निशोथ की जड़ की छाल को बराबर भाग लेकर महीन चूर्ण बना लें।

मात्रा व अनुपान - ‌‌‌1 से 3 ग्राम, दिन में दो-तीन बार, गुनगुने पानी या छाछ के साथ।

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