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आर्युवै​दिक चूर्ण

मन्जिष्ठादि चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण दस्त और पेशाब साफ लाने वाला और रक्त शोधक है। मल-मूत्र की रूकावट, अर्श (बवासीर) और रक्त-विकार में इसका
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मधुविरेचन चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण कोष्ठ-शुद्धि के लिए तथा आँव के दस्तों में विशेष गुणकारी है। मात्रा व अनुपान - 3 से 6 ग्राम, दिन...
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मधुयष्ट्यादि चूर्ण

गुण व उपयोग - इसके सेवन से कब्ज हट कर पेट साफ हो जाता है। कमजोर प्रकृति वालों के पेट साफ करने हेतु इस चूर्ण...
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मदयन्त्त्यादि चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण रक्त शोधक और साधरण रेचक है। खूजली, फोड़ा-फुंसी आदि रक्त-विकार होने पर इस चूर्ण के उपयोग से बहुत लाभ...
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मदनप्रकाश चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण पौष्टिक रसायन और बाजीकरण है। इसके सेवन से बल और वीर्य की वृद्धि तथा प्रमेह का नाश होता है। संघटक...
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भृंगराज चूर्ण

गुण व उपयोग - ‌‌‌यह असमय बाल सफेद होना, असमय बालों का छड़ना आदि समस्याओं की रोकथाम में लाभ पहुंचाता है। नित्य सोते समय रात्रि...
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भूनिम्बादि चूर्ण

गुण व उपयोग - इस चूर्ण के सेवन से ज्वरातिसार, ग्रहणी, कामला, पांडु, प्रमेह, अरूचि आदि रोग नष्ट होते हैं। आंव को नष्ट करने एवं...
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बिल्वादि चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण अतिसार, प्रवाहिका, दस्त के साथ रक्त आना आदि में अनुपान भेद के साथ सेवन करने से लाभ प्रदान करता...
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बिल्वफलादि चूर्ण

गुण व उपयोग - अतिसार रोग के लिए यह उत्तम दवा है। तक्र के साथ इसका उपयोग किया जाता है। संग्रहणी में भी लाभदायक। यह...
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बालचातुर्भाद चूर्ण

गुण व उपयोग - इसका प्रयोग बच्चों में विशेषतय: किया जाता है। यह बच्चों के ज्वर, अतिसार, खाँसी, वमन व दाँत निकलने के समय की...
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बाकुचिकाद्य चूर्ण

गुण व उपयोग - यह सभी प्रकार के रक्त विकार, कुष्ट, वात रक्त, शरीर पर होने वाली छोटी-छोटी फुन्यिाँ आदि में लाभ करता है। यह...
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बज्रक्षार चूर्ण

गुण व उपयोग - यह चूर्ण गुल्म, शूल, अजिर्ण, शोथ, कब्ज, सब प्रकार के उदर रोग, अग्निमान्द्य, उदावर्त, यकृत, प्लीहा रोग में लाभ करता है।...
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प्रवाहिकाहर चूर्ण

गुण व उपयोग - यह अतिसार, रक्तातिसार, संग्रहणी, प्रवाहिका में शीघ्र लाभ करता है। मात्रा व अनुपान - 5 से 8 ग्राम, दिन में दो बार...
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प्रदरनाशक चूर्ण

गुण व उपयोग - इसके सेवन से समस्त प्रकार के प्रदर रोग शीघ्र नष्ट होते हैं। यह रक्त प्रदर, योनी शूल, रक्त अतिसार, रक्तार्श, कृमि...
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पुष्यानुग चूर्ण

गुण व उपयोग - स्त्रियों के प्रदर रोग की उत्तम दवा। इस चूर्ण के सेवन से योनि रोग, योनिक्षत, बादी तथा खूनी बवासीर, नीला व...
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पुष्पावरोधग्न चूर्ण

गुण व उपयोग - स्त्रियों को मासिक धर्म न होना या कष्ट होना तथा रुके हुए मासिक धर्म को खोलता है। मात्रा व अनुपान - 6...
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पुनर्नवा चूर्ण

गुण व उपयोग - यह समस्त प्रकार की सूजन में विशेष लाभ करता है। इसके सेवन से उदर रोग, पेशाब की रूकावट, पेशाब खुल कर...
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पामारि प्रलेप

गुण व उपयोग - सरसों के तेल में मिलाकर खूजली पर मालिश करने से 3 - 4 दिन के अन्दर ही खूजली को आराम हो...
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पंचसम चूर्ण

गुण व उपयोग - इसका उपयोग पेट के रोगों में किया जाता है। यह पेट का दर्द, पेट का फूलना, गुल्म, तिल्ली, कब्ज आदि में...
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पंचसकार चूर्ण (विरेचक)

गुण व उपयोग - यह कब्ज को दूर करने वाला व पाचन शक्ति को मजबूत कर भूख बढ़ाने वाला है। कब्ज हेतु इसका विशेष उपयोग...
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Featured author
Dr. K.L. Dahiya Veterinary Surgeon, Department of Animal Husbandry & Dairying, Haryana - India