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घीया - Gourd

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घीया को कच्चा भी खाया जा सकता है। कच्ची घीया अथवा उसका रस पेट साफ करता है और शरीर को शुध्द एवं स्वस्थ बनाती है। वाग्भट्ट ने इसे तरबूज, खरबूजा, ककड़ी तथा खीरे के परिवार में रखा है। दरअसल ये सभी फल कफ तथा वायु को दूर करते हैं और शरीर से मल निकालते हैं तथा खाने में मीठे होते हैं। 100 ग्राम लौकी के रस में निम्नलिखित तत्व पाए जाते हैं :- पानी 96.1 ग्राम, प्रोटीन 0.2 ग्राम, वसा 0.1 ग्राम, रेशा 0.6 ग्राम, कार्बोज 2.5 ग्राम, कैल्शियम 20 मि.ग्रा., फास्फोरस 10 मि.ग्रा., लौहतत्व 0.5 मि.ग्रा., थायेमीन 0.03 मि.ग्रा., रिबोफ्लेविन 0.01 मि.ग्रा., नियासिन 0.2 मि.ग्रा., खनिज लवण 0.5 प्रतिशत, ऊर्जा 12 कि. कैलोरी।

  • घीया का जूस मोटापा कम करता है, उच्च रक्तचाप ठीक करता है। इसमें सौंठ और काली मिर्च डालकर पीने से पाचन सही रहता है। यह मानसिक रोग में आराम देता है। मधुमेह मे भी अच्छा है।
  • सुबह खाली पेट घीया का रस पीने से गैस नही बनती, अपच नही होती, त्वचा में निखार आता है। इसके एक गिलास जूस में एक सेब का रस मिलाकर पीने से इसके गुण बढ़ जाते हैं। लौकी का जूस छिलके सहित निकालना चाहिए। जूस निकालने से पहले इसे गर्म पानी में धोना चाहिए।
  • लौकी के जूस में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर पीने से हृदय रोगों का शांत करता है। कफ प्रकृति वालों को इसमें सौंठ व काली मिर्च मिलाकर सेवन करना चाहिए।

ध्यान रखें कि कड़वी व बेमौसमी लौकी का सेवन न करें।

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