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त्रिफलारिष्ट

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गुण व उपयोग: - इसके सेवन से हृदय रोग, अरूचि, प्रमेह, पांडु, ‌‌‌शोथ, प्लीहा वृद्धि, चक्कर आना, ‌‌‌कुष्ठ, कण्डू, ‌‌‌शाखागत वात, बद्धकोष्ठ, हिचकी, किलास और हलीमक, गुल्म, भगन्दर, वातोदर, पित्तोदर, बद्धोदर आदि, श्वास, कास, ग्रहणी रोग आदि रोग ‌‌‌नष्ट हो कर बल, आयु तथा ओज की वृद्धि होती है।

मात्रा व अनुपान: - 10 से 20 मिलीलीटर, बराबर पानी मिलाकर, भोजन के बाद, दिन में दो बार।

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