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भोजन का वर्गीकरण (Classification of Food)

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‌‌‌भोजनभोजन किसे कहते हैं?पोषण तत्त्वपोषण विज्ञान; भोजन का वर्गीकरण; भोजन का महत्त्व तथा कार्यभोजन के शारीरिक कार्यभोजन के मनोवैज्ञानिक कार्यभोजन के सामाजिक - सांस्कृतिक कार्य

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 भोजन का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जाता है -

(I) भोजन के कार्यों के आधार पर (On the basis of function of food)

(II) प्राप्ति के साधन के आधार पर (On the basis of source ofAvailabilty)

(I) भोजन के कार्यों के आधार पर (On the basis of function of food)

‌‌‌ ‌‌‌इस वर्गीकरण के अनुसार भोजन को निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा जा सकता है -

1. ऊर्जा देने वाले भोज्य पदार्थ (Energy providing foods): ये भोज्य पदार्थ शारीरिक कार्यों को करने के लिए शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस वर्ग में अनाज, दालें, गुड़, शक्कर, चीनी, घी, तेल, मक्खन, सूखे मेवे, मीठे फल तथा जड़ वाली सब्जियाँ आदि आते हैं। इन भोज्य पदार्थों के सेवन से दैनिक कार्यों को शक्ति मिलती है। इन पदार्थों में मुख्य रूप से कार्बोज तथा वसा की उपस्थिति होती है। ये शरीर की वृद्धि में सहायक होते हैं।

2. शरीर का निर्माण तथा मुरम्मत करने वाले भोज्य पदार्थ (Body buildingAnd body repairing foods): - ये भोज्य पदार्थ शरीर में कोशिकाओं का निर्माण तथा टूटे - फूटे तन्तुओं का पुन: निर्माण करते हैं। इन भोज्य पदार्थों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। वृद्धि अवस्थायों, गर्भावस्था एंव स्तनपान अवस्था में नर्इ कोशिकाओं का निर्माण होने के कारण इस वर्ग के भोज्य पदार्थों की आवश्यकता बढ़ जाती है। दूध से बने पदार्थ, माँस, मछली, अण्डा, दालें, सोयाबीन तथा सूखे मेवे आदि खाद्य पदार्थ इस वर्ग में आते हैं।

3. सुरक्षात्मक एवं नियामक भोज्य पदार्थ (Protective and Regulatory Food): - इस वर्ग में आने वाले भोज्य पदार्थ जैसे दूध तथा दूध से बने पदार्थ, जल, साबुत अनाज, खमीर, सोयाबीन, अण्डा, माँस, मछली, फल, हरी व पीली सब्जियाँ आदि शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

ये भोज्य पदार्थ, खनिज-लवण, विटामिन तथा प्रोटीन युक्त होते विटामिन शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियन्त्रित करते हैं तथा अंगों को स्वस्थ बनाये रखते हैं। खनिज-लवण शरीर में अम्ल-क्षार का सन्तुलन, पानी का सन्तुलन, हृदय की धड़कन, रक्त का थक्का जमना तथा रक्त परिवहन आदि क्रियाओं के संचालन में सहायता करते हैं। जल शरीर में से हानिकारक पदार्थों का उत्सर्जन करता है तथा शरीर के द्रवों को नियन्त्रित करता है। प्रोटीन शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

(II) प्राप्ति के साधन के आधार पर (On the basis of function of food)

सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ या तो वनस्पति-जन्य होते हैं या फिर पशु-जन्य। अत: प्राप्ति के आधार पर भोजन को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा जा सकता है -

1. वनस्पति-जगत से पाप्त खाद्य पदार्थ - वे सभी खाद्य पदार्थ जो हमें वनस्पति जगत से प्राप्त होते हैं, इस श्रेणी में आते हैं जैसे कि सभी प्रकार के अनाज, दालें, सब्जियाँ, वनस्पति तेल, शर्करा, सूखे मेवे आदि।

2. पशु-जगत से प्राप्त खाद्य पदार्थ - ये खाद्य पदार्थ हमें पशु - जगत से प्राप्त हासेते हैं जैसे दूध, अण्डा, माँस, मछली आदि।

‌‌‌सरोज बाला, ‌‌‌कुरूक्षेत्र (‌‌‌हरियाणा)

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