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भोजन का महत्त्व तथा कार्य (Importance and Functions of Food)

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‌‌‌भोजनभोजन किसे कहते हैं?पोषण तत्त्वपोषण विज्ञानभोजन का वर्गीकरण; भोजन का महत्त्व तथा कार्य; भोजन के शारीरिक कार्यभोजन के मनोवैज्ञानिक कार्यभोजन के सामाजिक - सांस्कृतिक कार्य

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भोजन प्रत्येक जीवित प्राणी के जीवन की प्रारम्भिक आवश्यकता है। जीवन में इतनी दौड़धूप का मुक्ष्य कारण भोजन प्राप्ति ही है। मनुष्य को सभी प्रणियों में विवेश्कशील समझा जाता है। उसे केवल पेट भरने से ही ‌‌‌सन्तुष्टि नहीं मिलती। वह ऐसा भोजन खाना चाहता है जिससे उसकी भूख शांत हो तथा उसे मानसिक सन्तुष्टि भी प्राप्त हो। भोजन मनपसन्द होने के साथ-साथ सन्तुलित भी होना चाहिए ताकि शरीर रह सके। स्वास्थ्य से अभिप्राय केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से भी होता है।

विशव स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के अनुसार, ‘‘स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से अच्छी तरह रहने की ही अवस्था है, केवल रोगों से दुर रहना और शारीरिक रूप से ठीक रहने की अवस्था नहीं है।’’

(According to World Health Organisation, “Health is a state of complete physical, mental and social well beingAnd not merely the absence of diseace or immunity.”) 

भोजन का महत्त्व - भोजन हमारे शरीर में कर्इ प्रकार के कार्य करता है। इन कार्यों से हमारे शरीर की क्रियाएँ सुचारू रूप से चलती हैं। भोज्य तत्त्व शरीर की जटिल प्रक्रियाओं को नियन्त्रित करके रोग - निरोधक क्षमता बढ़ा देते हैं। भोजन के कार्यों के कारण ही भोजन का महत्त्व है। कुछ समय पहले तक भोजन का महत्त्व केवल उसके शारीरिक कार्यों के कारण ही समझा जाता था। किन्तु आज भोजन का महत्त्व उसके मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक कार्यों के कारण भी जाने लगा है।

भोजन के कार्य (Functions of Food) 

 ‌‌‌भोजन के कार्यों को निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा जा सकता है

(क) ‌‌‌भोजन के शारीरिक कार्य (Physiological Functions)

(ख) ‌‌‌भोजन के मनोवैज्ञानिक कार्य (Psychological Functions)

(ग) ‌‌‌भोजन के सामाजिक - सांस्कृतिक कार्य (Socio–cultural Functions)

‌‌‌सरोज बाला, ‌‌‌कुरूक्षेत्र (‌‌‌हरियाणा)

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