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प्रश्नोत्तरी - रेबीज - एक घातक रोग

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भूमिका 

 

डा. के.एल. दहिया*

*पशु चिकित्सक, राजकीय पशु हस्पताल, हमीदपुर (कुरूक्षेत्र) - हरियाणा

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रेबीज, मानव जाति के लिए सबसे पुरानी बीमारियों में से एक मानी जाती है। लैटिन शब्द "रेबीज़" पुराने संस्कृत भाषा के शब्द "रभस" से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "हिंसा करना"। ग्रीक में रेबीज को लिसा या लिटा कहते हैं जिसका अर्थ है हाइड्रोफोबिया (Hydrophobia) अर्थात इसे जलांतक भी कहते हैं (Steele and Fernades 1991)। इससे ग्रसित का नीचे जबड़ा लक्वाग्रस्त होने के कारण पानी को पीने में असमर्थ होता है, जिस कारण ऐसा लगता है कि उसे पानी से डर लगता है। इसी कारण इस रोग को हाइड्रोफोबिया’ (Hydrophobia) अर्थात इसे जलांतककहते हैं। 

विलक्षित लक्षणोंपरान्त इस बीमारी का अभी तक कोई भी ईलाज सम्भव नहीं हो पाया है। पहले कुत्ता काटने के बाद पेट में लगाये जाने वाले टीकाकरण से लोग भयभीत रहते हैं। लेकिन आज अन्त:माँसमेशी एवं अन्तरत्वचीय टीकाकरण उपलब्द्ध होने के कारण इस प्रकार के टीकाकरण से डरने की आवश्यकता नहीं है। आज भी प्राय: यह देखने में आता है कि रेबीज से ग्रसित पशु खासतौर पर कुत्ते के काटने के बाद भी लोग बाबाओं के पास झाड़ा लगवाते हैं, जो कि आधुनिक युग में एक चिन्ता का विषय है। समय पर टीकाकरण ही इस बीमारी का निदान है। टीकाकरण में देरी, मृत्यु की बेवजह कारक बन सकती है। 

प्रमुख जन-स्वास्थ्य समस्या: रेबीज किसी एक समाज, क्षेत्र या राष्ट्र की समस्या नहीं है। अपितु यह सारी मानवता के लिए बहुत गम्भीर समस्या है जिसकी सच्चाई (WHO 2018A) यह है कि:

- रेबीज एक मुख्य सामूहिक स्वास्थ्य समस्या है। 

- एक बार लक्षण प्रकट होने पर ही मौत निश्चित है। 

- इसके कारण विश्व में हर 15 मिनट में एक मौत होती है। 

- मनुष्यों में 99 प्रतिशत मामले कुत्तों के काटने से होते हैं। 

- रेबीज से ग्रसित रोगियों में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 40 प्रतिशत बच्चे होते हैं। 

‌‌‌विश्वभर में प्रतिवर्ष लगभग 61000 मौतें रेबीज से होती हैं। अकेले भारत में लगभग 20000 से भी ज्यादा व्यक्ति रेबीज के कारण मौत के मुँह में चले जाते हैं (Menezes 2008, Acharya Anita et al. 2012, Bharti et al. 2017) यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा ही हो सकता है क्योंकि यह सूचनीय रोग (Notifiable disease) नहीं है जिस कारण पशुओं एवं मनुष्यों में रेबीज के लिए सुव्यवस्थित निगरानी नही की जाती है। भारत में हर दो सेकंड में एक व्यक्ति कुत्ते के द्वारा काटा जाता है और हर आधे घण्टे में एक व्यक्ति की मृत्यु रेबीज रोग से होती है (Menezes 2008)। 

 

इस प्रश्नोत्तरी के माध्यम से यही प्रयास है कि जन-मानस के दिमाग में इस बीमारी से सम्बन्धित मन में उभरते सवालों के उत्तर हैं, ताकि आमजन इस बीमारी के बारे में जान सके अपनी और अन्य की समय रहते जान बचा सकें। तो आईये! इन ‌‌‌प्रश्नोत्तरों पर एक नजर अवश्य डालें।

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