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रेबीज के लक्षण

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डा. के.एल. दहिया*

*पशु चिकित्सक, राजकीय पशु हस्पताल, हमीदपुर (कुरूक्षेत्र) - हरियाणा

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रश्न : कौन से अंग रेबीज से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं? 

‌‌‌उत्तर :  मस्तिष्क एवं प्रमस्तिष्क (Cerebrum)। 

प्रश्न : रेबीज से ग्रसित रोगियों में मुख्यत: कितने प्रकार के लक्षण होते हैं?

‌‌‌उत्तर :  इसमें तीन तरह के लक्षण दिखाई देते हैं:

लकवाग्रस्त रेबीज (Paralytic rabies), अस्पष्ट रेबीज (Dumb rabies), एवं उत्तेजक रेबीज (Furious rabies)। उत्तेजक प्रकार रेबीज का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला रूप है (Tsiang 1993)।

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रश्न : जानवरों में रेबीज के क्या लक्षण हैं? 

‌‌‌उत्तर : जानवरों में निम्नलिखित तीन प्रकार के लक्षण मिलते हैं (Wilson 2012):

लकवाग्रस्त रेबीज (Paralytic rabies): लंगड़ापन (Lameness), एक पाँव से दूसरे पाँव पर भार बदलना (Wight shifting), टखने आपस में टकराना (Knuckling of one or both fetlocks), चलते हुए आरोही गतिभंग (Ascending ataxia), पक्षाघात (Paralysis), अतिसक्रियता (Hyperaesthesia), टांगों पर स्वयं अंग-भंग कर लेना (self-mutilation of extremities), 3-5 दिन तक लेटे रहना (Recumbent) लेकिन खाना-पीना सामान्य रहता है (Wilson 2012) 

अस्पष्ट रेबीज (Dumb rabies): अवसाद (Depression), क्षुदा अभाव (Anorexia), सिर मोड़ना (Head tilt), चक्कर काटना (Circling movement), गतिभंग (Ataxia), मनोभ्रंश (Dementia), अतिलारीय स्राव (Excessive salivation), सुस्त (Lethargic), चेहरे एवं ग्रसनी का पक्षाघात (Facial and pharyngeal paralysis), अंधापन (Blindness), ढीली पूंछ एवं गुदा (Flaccid tail and anus), मूत्र टपकना (Dribling urine), स्वयं अंग-भंग (Self mutilation) पहुंचाना इत्यादि (Wilson 2012)


उत्तेजक रेबीज (Furious rabies) : रेबीज की इस अवस्था में आक्षेप (Convulsions), अतिलारीय स्राव (Excessive salivation), चिड़चिड़ा (Irritated), आक्रामकता (Aggression), जलांतक (Hydrophobia), फोटोफोबिया (Photophobia), ऐंठन (Tenesmus), चक्कर काटना (Circling), अतिसक्रियता (Hyperaesthesia), अन्य प्राणियों को बिना चेतावनी के काट लेना या अखाद्य वस्तुओं को काटना, अतियौनाचार (Hypersexuality), स्वयं अंग-भंग (Self mutilation) इत्यादि (Wilson 2012) 

अन्य लक्षण: अंधापन (Blindness), सिर संपीड़ना (Head pressing), जलांतक (Hydrophobia) या पानी निगलने में कठिनाई (Dysphagia), क्षुदा अभाव (Anorexia), कब्ज (Constipation), नरों में पैराफिमोसिस (Paraphimosis in males), जठरांत्र लक्षण (Gastrointestinal signs), जननांग-मूत्र लक्षण (Genitourinary signs) इत्यादि (Wilson 2012, Mayer and Donnelly 2013) 

रेबीज रोग की विशेषता है कि इसके एक ही समय में दो रूप मौजूद हो सकते हैं। 

प्रश्न : जानवरों में रेबीज रोग की लक्षणोपरान्त क्या अवधि है? 

‌‌‌उत्तर : 5 से 10 दिन (Wilson 2012) 

प्रश्न : मनुष्यों में उत्तेजक रेबीज के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

‌‌‌उत्तर : अतिक्रियाशीलता मस्तिष्कीय रेबीज का प्रमुख संकेत है, जिसमें रोगी चिंताग्रस्त, घबराया हुआ एवं मानसिक भ्रम की स्थिति में रहता है (Tsiang 1993)। विशिष्ट मस्तिष्कीय रेबीज का निदान स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली की दुष्क्रियता (autonomic dysfunction), जलांतक (hydrophobia) और वायुभीति (aerophobia) के साथ-साथ अति उत्तेजना (hyperexcitation), मतिभ्रम, अतिक्रियाशीलता (Hyperactivity), और उनींदापन (drowsiness) की क्रमिक अवधि द्वारा किया जाता है।

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रश्न : मनुष्यों में लकवाग्रस्त रेबीज के क्या लक्षण हैं?

‌‌‌उत्तर : लकवाग्रस्त रेबीज के दौरान रोगी को दौरे (seizures) सामान्य हैं जिनमें बुखार आमतौर पर तेज एवं स्थिर रहता है (Tsiang 1993)।

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रश्न : मनुष्यों में रेबीज के विस्तारपूर्वक क्या लक्षण हैं?

‌‌‌उत्तर : रेबीज के प्रारम्भिक लक्षण फ्लू के समान जैसे कि सामान्य कमजोरी या बेचैनी, बुखार एवं सिर दर्द ही होते हैं (CDC 2012)। ये लक्षण 2-4 दिनों तक दिखायी दे सकते हैं।

रोग की प्रारम्भिक अवस्था में शरीर पर बने काटने के स्थान पर असुविधाजनक रूप से दर्द, खुजली या बेचैनी हो सकती है (CDC 2012) जो लगभग 80 प्रतिशत रोगियों में देखने को मिलती है। अगले 2-4 दिनों के दौरान जैसे-जैसे रोग बढ़ता है वैसे-वैसे प्रमस्तिष्कीय दुष्क्रियता (Cerebral dysfunction), व्याकुलता (Anxiety), मतिभ्रम (Confusion), उत्तेजना (agitation) इत्यादि भी बढ़ती जाती है (CDC 2012)। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है तो रोगी में सन्निपात (Delirium), अस्वाभाविक व्यवहार (Abnormal behavior), अतिमतिभ्रम (Hallucination) तथा अनिंद्रारोग (Insomnia) इत्यादि लक्षण दिखायी देने लगते हैं (CDC 2012, Singh et al. 2017)।

इन लक्षणों के अतिरिक्त रोगी में जलांतक (Hydrophobia), वायुभीति (aerophobia), कभी क्रोध तो कभी उदासी(Angerness/Depression), चिड़चिड़ापन (Irritability), अनिन्त्रित अतिक्रियाशीलता/उत्तेजना (Uncontrolled Hypereactivity), बोलने में असमर्थता (voice paralysis), खाने व पानी निगलने में असमर्थता, सांस लेने में तकलीफ, शोर से परेशानी इत्यादि होती है। जैसे-जैसे रोगी मृत्यु के नजदीक पहुंचता है तो उसे दौरे पड़ने के साथ-साथ लकवा भी हो जाता है; अचेतन अवस्था में होने के उपरान्त उसकी मौत हो जाती है। बीमारी के अन्तिम चरण में केवल पानी की तरफ दृष्टि करने मात्र से रोगी की गर्दन और गले में ऐंठन उत्पन्न हो जाती है।

‌‌‌‌‌‌प्रश्न : ‌‌‌लक्षणोंपरान्त कितने दिन तक मनुष्य ‌‌‌जीवित रहता है?

‌‌‌उत्तर : सामान्यत: लक्ष्णोंपरान्त 2-10 दिन तक ही रोगी व्यक्ति जीवित रहता है लेकिन 2012-14 के दौरान 6 ऐसे मरीज भी पाए गये जो 2 सप्ताह से लेकर 3 महीने तक जीवित रहे हैं (CDC 2012, Aguèmon et al. 2016, Subramaniam 2016)

प्रश्न : ‌‌‌कुत्तों में रेबीज के प्रमुख लक्षण (Clinical features) क्या हैं?

‌‌‌उत्तर : किसी भी प्रकार के उकसाने के बिना काटना; लाठी-डण्डा, नाखून, मल, आदि जैसे असामान्य वस्तुओं को खाना; किसी अस्पष्ट कारण के चलना; ध्वनि परिवर्तन जैसे कि कर्कश आवाज में भौंकना और गुर्राना या ध्वनि निकालने में असमर्थ होना; मुँह से अत्यधिक लार गिरना या झाग बनना - लेकिन हाइड्रोफोबिया (पानी का डर) नहीं।

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