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जैविक व अजैविक घटक एवं पर्यायवरण के मध्य अन्त:क्रिया
प्रकृति का पोषणशास्त्र; मृदा और इसका निर्माण; भूमि का गिरता स्वास्थ्य; भूमि अन्नपूर्णा है; खाद्य चक्र; केशाकर्षक शक्ति; चक्रवात; केंचुए - किसान के हलधर; सूक्ष्म पर्यावरण; जैविक व अजैविक घटक एवं पर्यायवरण के मध्य अन्त:क्रिया
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प्रकृति एवं मानव एक ही नियम से सीधे पर्यायवरण के प्रत्येक तत्त्व जुड़े हुए हैं, चाहे वह अन्तरिक्ष हो, वनस्पति हो या फिर जीव-जन्तु हो। इस प्रकार व्यक्ति विशेष एवं जीव जगत की अन्त:क्रियाओं का उनके वातावरण में समायोजन के अध्धयन को महत्त्व दिया जाता है। अत: पर्यायवरण उन समस्त आन्तरिक एवं बाह्य दशाओं और प्रभावों का योग है जो प्राणि-जगत के जीवन और विकास पर प्रभाव डालता है।
भारतीय केंचुए का कार्य कृषि के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है, परन्तु उस के लिए केचुओं को भूमि के अन्दर व बाहर सूक्ष्म पर्यावरण की आवश्यकता होती है।
भूमि की सतह के ऊपर फसल के मध्य जिस हवा का संचरण होता है, उसका तापमान 25-32 डिग्री के मध्य होना चाहिए और उस हवा में नमी की मात्रा 65-72 प्रतिशत तक होनी चाहिए। इसके साथ ही भूमि के अन्दर अंधेरा व वाफसा तथा भूमि के ऊपर काष्ठ आच्छादन होना चाहिए। इस एकात्मिक स्थिति को सूक्ष्म पर्यावरण कहते हैं।
वाफसा - भूमि के अन्दर मिट्टी के दो कण समूहों के बीच में जो खाली जगह होती है, उसमें पानी बिल्कुल नहीं होता, बल्कि उसमें 50 प्रतिशत हवा और 50 प्रतिशत वाष्प का सम्मिश्रण होता है। इसे वाफसा कहते हैं। पौधों की जड़ें पानी नहीं, वाफसा को ही ग्रहण करती हैं।
काष्ठाच्छादन - फसलों के अवशेषों को भूमि पर गिरने/बिछाने को काष्ठाच्छादन कहते हैं। जैसे कि जंगलों में पेड़ों के पत्ते, फूल, टहनियाँ गिर कर एक दूसरे के ऊपर गिरती रहती हैं, जिससे उस जगह की भूमि पर वनस्पत्तियों के अवशेष ही होते हैं, उसे काष्ठाच्छादन कहते हैं। ये पौधों के अवशेष भूमि की सतह पर गिरने और उसके बाद सूखने पर अनन्त कोटि सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा विघटित होकर ह्यूमस (Humus) का निर्माण करते हैं, जो फसल का खाद्य भण्डार है।
अतः हम कह सकते हैं कि अन्नापूर्ण भूमि के लिए धरती में गतिमान केंचुए और अनन्तकोटि सूक्ष्म जीवाणु चाहिए, उसके लिए भूमि में सूक्ष्म पर्यावरण तथा उसके लिए भूमि के अन्दर अंधेरा एवं वाफसा तथा भूमि के ऊपर काष्ठाच्छादन आवश्यक है, जिससे भूमि में अनन्त कोटि सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा फसलों के खाद्य भण्डार ‘ह्यूमस’ का निर्माण होता है।