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हृदयघात होने के 5 मिनट के अन्दर क्या करें

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हृदयघात होने पर कुछ सावधानियां बरती जाएं, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में मरीज को चिकित्सा सुविधा जितनी जल्दी मिल जाएं उतना ही अच्छा होगा, इसलिए सबसे पहले नजदीकी हस्पताल में दाखिल करने का इंतजाम करें। इसके अलावा जब तक एम्बुलेंस आए, तब तक इस प्रकार मरीज की जान बचाएं

Ö मरीज को सीधा लिटाएं व उसके कपड़ों को ढीला कर दें, ताकि उसकी बेचैनी कुछ कम हो सके।

‌‌‌Ö मरीज को लम्बी सांसें लेने को कहें व उसके आसपास हवा आने की जगह छोड़ दें, ताकि उसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके।

Ö हृदयघात होने पर कई मरीजों को उल्टी आने जैसी अनुभूति होती है। ऐसे में उसे एक तरफ मुड़कर उल्टी करने को कहें, ताकि उल्टी फेफड़ों में न जाने पाए और कोई नुकसान हो।

‌‌‌Ö मरीज की गर्दन के बगल में हाथ रखकर उसकी नब्ज दर को चेक करें। यदि नब्ज 60-70 से भी कम हो तो, समझ जाएं कि रक्त शर्करा बहुत तेजी से गिर रहा है व मरीज की हालत बहुत गम्भीर है।

Ö नब्ज दर बहुत कम होने पर मरीज के पैर उपर उठा दें। इससे पैरों का रक्त संचार का बहाव हृदय की ओर होगा, जिससे रक्तचाप में राहत मिलेगी।

‌‌‌इन गलतियों से बचें

´ मरीज को कुछ खिलाने-पिलाने की कोशिश न करें। ऐसा करने से उसकी ‌‌‌स्थिती बिगड़ सकती है।

‌‌‌´ एस्प्रिन खून को जमने व खून के थक्के को बनने रोकती है, इसलिए हृदयघात वाले मरीज को तुरन्त एस्प्रिन जैसे डिस्प्रिन देनी चाहिए। लेकिन कई बार इससे समस्या बढ़ भी जाती है, इसलिए चिकित्सक से बगैर पूछे कोई दवा न दें।

‌‌‌´ मरीज को उठाकर गाड़ी में बैठाने की जगह सीधा लिटाएं। इससे उसका रक्त संचार सही रखने में सहायता मिलेगी।

‌‌‌´ नब्ज दर बहुत कम होने पर मरीज की छाती (CPR – Cardiopulmonary resuscitation) पर दबाव देने से थोड़ी राहत जरूर मिलती है, लेकिन गलत तरीका समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए जानकारी होने के उपरान्त ही इस विधि का इस्तेमाल करें।

‌‌‌´ हस्पताल ले जाने के लिए मरीज को सहारा देकर चलाने की गलती न करें। इससे उसके हृदय पर जोर पड़ेगा।

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