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हड्डियों के रोगों से बचने के लिए बाजरा (Bajra – Millet) खाइए
- बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।
- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना है।
- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और खून की कमी (Anaemia) नहीं होती।
- बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है।
- लीवर की सुरक्षा के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।
- बाजरे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है।
- आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।
- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग की सम्भावना कम होती है।
- बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर होते हैं।
- बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है।
- उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओं को दूर करता है।
- बाजरे के सेवन से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। यह एंग्जायटी (anxiety), डिप्रेशन (depression) और नींद न आने की बीमारियों (insomnia) में फायदेमन्द होता है। यह माइग्रेन (migraine) के लिये भी लाभदायक है।
- इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं।
- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। डायबिटीज़ में यह रक्त में शकर की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।
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