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मधुमेह (Diabetes) के घरेलू उपचार
बदलते परिवेश और रहन-सहन के कारण मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। खान-पान पर नियंत्रण न होना भी इसके लिए जिम्मेदार है। मधुमेह के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। मधुमेह में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
मधुमेह लक्षण:
- आंखों से धुंधलापन होना।
- खाना खाने के बाद भी बहुत भूख लगना।
- चिड़चिड़ापन।
- त्वचा में रूखापन आना।
- त्वचा या मूत्रमार्ग में संक्रमण।
- बहुत ज्यादा प्यास लगना।
- बहुत पानी पीने के बाद भी गला सूखना।
- बार-बार पेशाब आना।
- मांसपेशियों में दर्द।
- मितली होना और कभी-कभी उल्टी होना।
- वजन में कमी होना।
- शरीर का तापमान कम होना।
- सिरदर्द।
- हर समय कमजोरी और थकान की शिकायत होना।
- हाथ-पैर में अकड़न और शरीर में झंझनाहट होना।
मधुमेह को को नियन्त्रित करने के कुछ आसान तरीके:
- तुलसी के पत्तों में उपचायक विरोधी (antioxidants) और ज़रूरी तेल होते हैं जो इनसुलिन के लिये सहायक होते है । इसलिए शुगर लेवल को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते को प्रतिदिन खाली पेट लें, या एक चम्मच तुलसी के पत्ते का जूस लें।
- 10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पावडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इससे खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।
- काले जामुन मधुमेह के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है। मधुमेह के रोगियों को काले नमक के साथ जामुन खाना चाहिए। इससे खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।
- लगभग एक महीने के लिए अपने रोज़ के आहार में एक ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें, इससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने के साथ वजन को भी नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
- करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है। अत: इसका रस रोज पीना चाहिए। उबले करेले के पानी से मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त किया जा सकता है।
- मधुमेह के उपचार के लिए मेथीदाने का बहुत महत्व है, इससे पुराना मधुमेह भी ठीक हो जाता है। मेथीदानों (fenugreek) का चूर्ण नित्य प्रातः खाली पेट दो चम्मच पानी के साथ लेना चाहिए ।
- काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में 5-6 भिंडियाँ काटकर रात को गला दीजिए, सुबह इस पानी को छानकर पी लीजिए।
- मधुमेह मरीजों को नियमित रूप से दो चम्मच नीम और चार चम्मच केले के पत्ते के रस को मिलाकर पीना चाहिए।
- ग्रीन टी भी मधुमेह मे बहुत फायदेमंद मानी । जाती है ग्रीन टी में पॉलीफिनोल्स (polyphenols) होते हैं जो एक मज़बूत उपचायक विरोधी (antioxidants) और शुगर को कम करने के (hypoglycaemic) तत्व हैं, शरीर इन्सुलिन का सही तरह से इस्तेमाल कर पाता है।
- सहजन के पत्तों में दूध की तुलना में चार गुना कैल्शियम और दोगुणा प्रोटीन पाया जाता है। मधुमेह में इन पत्तों के सेवन से भोजन के पाचन और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से भी लाभ प्राप्त होता है ।
- एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे मधुमेह में बहुत फायदा होता है।
- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से भी मुधमेह नियंत्रण में रहता है।
- मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में खीरा नींबू निचोड़कर खाकर भूख मिटाना चाहिए।
- मधुमेह उपचार मे शलजम का भी बहुत महत्व है । शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शुगर की मात्रा कम होने लगती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।
- 6 बेल पत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत काली मिर्च ताज़ी पत्तियाँ पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लें और सेवन के बाद कम से कम आधा घंटा और कुछ न खाएं, इसके नियमित सेवन से भी शुगर सामान्य हो जाती है ।
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