Home | हिन्दी भाग | मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

Sections

Newsletter
Email:
Poll: Like Our New Look?
Do you like our new look & feel?

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

Font size: Decrease font Enlarge font

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा -2

मटकी से माखन फिर से चुरा

गोपीयों का विरहा तू आके मिटा

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा

मैं कठपुतली, डोर तेरे साथ

कुछ भी नही अब मेरे हाथ

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा

जय जय राम, जय जय राम, जय जय राम, जय जय राम

सीता राम, जय जय राम, जय जय राम, जय जय राम

हे नन्द लाल, हे कृष्ण स्वामी

तूम तोह ज्ञानी ध्यानी अंतर्यामी

महिमा तुम्हारी जो भी समझा ना पाये

खाक में मिल जाये वो खल्कामी

ऐसा विज्ञान जो कि तुझको ना माने

तेरी श्रदालु की शक्ति ना जाने

जो पाठ पढ़ाया था तुमने गीता का अर्जुन को

वो आज भी सच्ची राह दिखाये मेरे जीवन को

मेरी आत्मा को अब ना सता

जल्दी से आके मोहे दरस ​दिखा

ये मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा

नैया मझधार में भी तुने बचाया

गीता का ज्ञान देके जग को जगाया

छू लिया जमीं से आसमा का तारा

नरसिंह रूप धरके हिरन्य को मारा

रावण के सर को काटा राम रूप लेके

राधे का मन चुराया प्रेम रंग देके

मेरे नैनो में फूल खिले सब तेरी खुषबू के

मैं जीवन साथी चुन लूँ तेरे पैरों को छू के

किसके माथे सजाऊँ मोर पंख तेरा

कई स​दियों जन्मों से तू है मेरा

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा

मोरे गोविन्दा लाला मोरा तनका सा वर रूप का धोरा

उसकी कहीं ना कोई खबर, आजा ना ओ तोह नजर

आजा झलक ​दिखा आजा, देर ना कर आजा .......... गोविन्दा गोपाला

मुकुन्दा मुकुन्दा कृष्णा मुकुन्दा मुकुन्दा

मुझे दान में दे वृन्द्धा वृन्द्धा -2

अवदिशा, छटी कलास

 

डी.ए.वी. स्कूल, कुरूक्षेत्र, हरियाणा

Tags
No tags for this article
Rate this article
0