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रसोई

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जिन्दगी में रसोई अहम् भूमिका निभाती है। किसी भी घर के लिए रसोई बहुत जरूरी है। घर में कुछ हो या न हो घर की रसोई चलती रहे हर घर की जिससे उस परिवार के सदस्यों की पेट की भूख शान्त रहे। जिसका चुल्हा कभी शान्त (बुझता) नही है, चलता रहता है। वह जिन्दगी की हर कठिनाई से लड़ सकता है। यदि आप दिनभर में परेशान होकर घर आते हैं तो रसोई से आपके पेट की आग बुझ जाती है तो फिर आप में वही ऊर्जा आ जाती है व फिर से आप संघर्ष करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

1.  उत्तरउत्तर में रसोई बहुत खराब होती है। उत्तर में रसोई होने से कुछ ऐसा होता है कि जैसे आप अपने धन को अपने ही हाथों से आग लगाते हैं। उत्तर में रसोई होने से व्यवसाय में गिरावट, नौकरी में अस्थिरता देखने को मिलती है।

उत्तर दिशा में रसोई होने से स्वास्थय हानि जैसे कि कंधों में दर्द, सिर में दर्द, गर्दन में दर्द, कमर में दर्द हो सकता है। उधारी टूट-टूट कर आएगी।

2.  उत्तर-पूर्व: उत्तर-पूर्व में रसोई बहुत-बहुत खराब, घातक होती है। उत्तर-पूर्व में रसोई होने से सुख-समृधि समाप्त, व्यवसाय में जबरदस्त घाटा, व्यवसाय देखते ही देखते चौपट होने की सम्भावना प्रबल होती है। घर में महिलाओं का स्वास्थय खराब - सिर में दर्द (migrain), कैंसर तक की नौबत हो सकती है। बच्चे शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रभावित हो सकते हैं। कुछ विषयों में नर बच्चे की अकाल मृत्यु भी हो सकती है। उत्तर-पूर्व में रसोई बनाने से अपने घर में दुर्भाग्य को बुलावा देने के समान है।

3.  पूर्वपूर्व दिशा में रसोई लगभग ठीक है क्योंकि यह सूर्यदेव की दिशा है जो ऊर्जा का चालन करता है। रसोई के मामले में यह क्रम संख्या तीन की दिशा है।

4.  दक्षिण-पूर्वदक्षिण-पूर्व में रसोई सबसे उपयुक्त है। रसोई के मामले में यह क्रम संख्या एक की दिशा है।

5.  दक्षिणदक्षिण में रसोई निश्क्रिय (neutral) सी होती हैं लेकिन यहाँ पर रसोई चल सकती है। इस दिशा में आग व पानी, रसोई की उपयोगिता निर्धारित करते हैं।

6.  दक्षिण-पश्चिमउत्तर-पूर्व के बाद दक्षिण-पश्चिम में रसोई सबसे खराब है। दक्षिण पश्चिम में रसोई होने से परिवार के आपसी सम्बन्ध प्रभावित होते हैं। परिवार में कर्जा देखने को मिलेगा। व्यवसाय में जबरदस्त गिरावट होगी। धन ऐसी-ऐसी जगह खर्च होगा जिनका आपकी जिन्दगी से कोई लेना-देना नही। ऐसी-ऐसी अड़चने आएंगी जिनका आपसे कोई सीधा सम्बन्ध नही होता है। घर की महिलाओं की टांगों में दर्द, पीठ में दर्द देखने को मिलेगा। पति-पत्नि के सम्बन्धों में भी बिखराव देखने को मिलेगा। यहाँ तक उनके सम्बन्ध समाप्त भी हो सकते हैं। एक ही छत के नीचे रह रहे हैं केवल लोक दिखावे के लिए। सारे परिवार में सुखद सम्बन्ध देखने को ही नही मिलेंगे। आपका धन बीमारीयों पर खर्च होगा। मुकदमे तक की नौबत आ सकती है और आपका धन मुकदमे पर खर्च होगा। आप डाक्टर के पास जा रहे हैं, डाक्टर ईलाज कर रहा है, लक्षि्णक तौर पर आपको आराम मिल रहा है, लेकिन जैसे दवाई का असर खत्म, फिर बीमारी देखने को मिलेगी। इस दिशा में रसोई होने से आपके परिवार का सांमजस्य, बैक-बेलैंस खत्म हो सकता है।

7.  पश्चिमपश्चिम में भी रसोई लगभग ठीक है। यह क्रम संख्या चार की रसोई है। इस दिशा में भी आग व पानी, रसोई की उपयोगिता निर्धारित करते हैं। इस दिशा की रसोई में थोड़ी सी खाद्य सामग्री बर्बाद ज्यादा होती है।

8.  उत्तर-पश्चिमउत्तर-पश्चिम में रसोई क्रम संख्या दो पर आती है। दक्षिण-पूर्व व उत्तर-पूर्व आपस में मित्र हैं। इस दिशा में रसोई होने से रसोई के खर्चे में थोड़ी सी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

9.  केन्द्रकेन्द्र में रसोई उत्तर-पूर्व से भी ज्यादा खराब है। यहाँ पर रसोई होने से सुख-समृधि समाप्त, महिलाओं या घर के मुखिया की अकाल मृत्यु का कारक बन सकती है, घर के सम्बन्ध खराब हो सकते हैं। परिवार में स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं देखने को मिलेंगी। यदि केन्द्र में रसोई होगी तो यह मुकदमेंबाजी तक करवा सकती है।

रसोई की भीतरी सज्जा

रसोई में आग व पानी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। ये दोनों ही तय करते हैं कि रसोई किस हद तक ठीक है।

1.  चुल्हा: यदि चुल्हा पूर्व या दक्षिण-पूर्व में होगा तो घर में खाना बनाने वाली स्त्रियों का स्वभाव अच्छा रहेगा। कभी भी चुल्हा उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम में न हो। रसोई में इन दिशाओं में चुल्हा रखने के प्रभाव भी रसोई अन्य दिशाओं में बनाने जैसे हो सकते हैं।

2.  पानी: रसोई में पानी हमेशा ही उत्तर, उत्तर-पूर्व, या पश्चिम में हों। दिशा ठीक है लेकिन आप उसमें झूठे बर्तन साफ करके रखेंगे। यदि आप पूर्व या दक्षिण-पूर्व में चुल्हा रखते हैं व सिंक (Sink) उत्तर-पूर्व में बनाते हैं तब आग व पानी एक सीध में आ जाएंगे। ऐसी स्थिती में घर में मतभेद हो सकते हैं जो धीरे-धीरे मनभेद बन सकते हैं।

आग व पानी कभी एक सीध में न हों। यदि एक सीध में आ जाते हैं तब इन दोनों के बीच में विभाजन के लिए ग्लास या पत्थर की पट्टी लगा सकते हैं।

3.  स्टोर/अल्मारी: रसोई में स्टोर/अल्मारी को दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम में ही रखें।

4.  बिजली के उपकरण जैसे ओवन: इनको आप पूर्व, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण या पश्चिम में रख सकते हैं।

5.  प्रशितक (Freeze) को आप दक्षिण या पश्चिम में रख सकते हैं।

6.  खाद्य सामग्री: खाद्य सामग्री को आप दक्षिण-पश्चिम में रख सकते हैं।

रसोई में पीला, लाल या मैरून रंग करवाएं। कभी भी काला पत्थर न लगवाएं।

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