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हर दिशा को ऊर्जावान कैसे बनाए

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1.   उत्तर

उत्तर दिशा का यह एक नियम है कि आप इसको जितना हल्का एवं खुला रखेंगे, यह आपको धन प्रदान करेगी। उत्तर जल की दिशा है अगर यहाँ पर जल तत्व विराजमान करते हैं तो यह दिशा उतनी ही ज्यादा ऊर्जावान होती है। यहाँ पर भूमिगत पम्प या पानी का टैंक, बोरिंग बना सकते हैं। यदि उत्तर दिशा में कमरा है तो आप इसमें बहते हुए पानी का झरना या उसकी तस्वीर लगा सकते हैं। यहाँ पर आप मछलीघर लगा सकते हैं। ध्यान रहे यह कमरा शयनकक्ष न हो खासतौर पर विवाहित जोड़े का कमरा न हो। यदि शयनकक्ष है तो इसमें पानी का झरना या तस्वीर या मछलीघर न हो तो अच्छा रहेगा, नही तो उनके आपसी सम्बन्धों में खट्टास आएगी। आप इसमें कुबेर यन्त्र, मछली का जोड़ा या कछुए की तस्वीर या चिन्ह लगा सकते हैं। यदि आपके घर में कोई दोष नही है तो यह आपको तुरन्त परिणाम देगा। 

2.   उत्तर- पूर्व

यदि आप उत्तर-पूर्व में मन्दिर बनाते हैं तो इससे बेहतर इस दिशा को ऊर्जावान बनाने की कोई दूसरी बात नही है। जैसा कि यह पानी की दिशा है तो आप इस दिशा को ऊर्जावान बनाने के लिए भूमिगत पानी का टैंक, बोरिंग, नल लगा सकते हैं, लेकिन यह उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम के अक्ष पर न हो तो ही अच्छा है। इस दिशा में आप दर्पण या बहते हुये पानी का झरना या तस्वीर लगा सकते हैं। उत्तर-पूर्व का हिस्सा कटा हुआ नही होना चाहिए। यदि उत्तर-पूर्व में आपकी सीढ़ीयाँ, रसोई, सेप्टिक टैंक या शौचालय हैं तो जी भरकर ये सभी लगाईयेगा, लाभ मिलने वाला नही है। उत्तर-पूर्व की दिशा को आप जितना हल्का, खुला व नीचा रखेंगे तो आपको सुख-समृधि अच्छी व सुगमता से मिलेगी। 

3.   पूर्व

पूर्व की दिशा भी जल की दिशा है इसलिए आप यहाँ पर भूमिगत पानी का टैंक, बोरिंग, नल लगा सकते हैं। बहते हुये पानी का झरना या तस्वीर लगा सकते हैं। इस दिशा में आप दर्पण या बहते हुये पानी का झरना या तस्वीर लगा सकते हैं। सीढ़ीयाँ यहाँ पर कलंकित कर सकती हैं।

4.   दक्षिण-पूर्व

इस दिशा में भूलकर भी गड्डा, बोरिंग या भूमिगत पानी का टैंक न बनाए। इससे आपके खर्चे में बढ़ौतरी, बड़ी महिलाओं की सेहत खराब, मध्यम उम्र के लड़के का शारीरिक व मानसिक विकास मन्द हो जाएगा। आग से हानि होने का खतरा प्रबल रहेगा। फेंगसुई के अनुसार इस दिशा में आप बाँस का पौधा लगा सकते हैं। इस दिशा में आप पीले रंग की कम से कम 11 ईंच लम्बी, पाँच छड़ी वाली पवन माला (windchain) लगा सकते हैं।

इस दिशा में आप कभी भी भूलकर भी दर्पण न लगाएं। यदि दर्पण लगाते है तो इससे खर्चे में बढ़ौतरी, महिलाओं को स्वास्थय हानि या मृत्यु तक हो सकती है।

5.   दक्षिण

इस दिशा को ऊर्जावान करने के लिए आप यहाँ पर सीढ़ीयाँ बनाईये व उस मोमटी और मोमटी के ऊपर पानी का टैंक बना सकते है (ध्यान रहे टैंक से पानी न झलके), भारी से भारी गमले रख सकते हैं, पेड़ लगा सकते हैं, छत पर पानी की टैंकी बना सकते हैं, यहाँ पर घर के मुखिया का शयनकक्ष बना सकते हैं, इस कमरे में दक्षिण वाली दिवार पर पहाड़ की बिना पानी वाली तस्वीर लगा सकते हैं, पूरे परिवार की बड़ी सी तस्वीर लगा सकते हैं। लेकिन इस दिशा में भूलकर भी गड्डा, भूमिगत पानी का टैंक न बनाएं, नही तो आप इस दिशा का अच्छा फल खो देंगे। इस दिशा को सौंदर्यपूर्ण बनाने के लिए कभी भी नीचा न करें। दक्षिण दिशा में भूमिगत कमरा (बेसमैंट) भी न बनाएं।

6.   दक्षिण-पश्चिम

यह दिशा भी दक्षिण जैसे प्रभाव देती है। इस दिशा में आप रसोई न बनाएं, नही तो घर की महिलाओं को स्वास्थय में हानि होगी व आपसी सम्बन्ध खराब होंगे। दक्षिण-पश्चिम में आप शौचालय भी मत बनाएं अन्यथा खर्चे में बहुत ज्यादा बढ़ौतरी व परिवार के मुखिया का स्वास्थय खराब हो जाएगा।

7.   पश्चिम

इस दिशा में आप ऊँचाई (सीढ़ीयाँ, मोमटी व उस पर पानी की टैंकी) दे सकते हैं। इस दिशा में भी आप गड्डा या बोरिंग न बनाए। धन की दिक्कत नही आएगी लेकिन नौजवान महिलाओं का स्वास्थय जरूर खराब हो जाएगा। इस दिशा को ऊर्जावान बनाने के लिए आप धातु खासकर चाँदी लगा सकते हैं।

8.   उत्तर-पश्चिम

इस दिशा में आप पीले रंग की कम से कम 11 ईंच लम्बी, 5-6 छड़ी वाली पवन माला (windchain), फेंगसुई का गैजेट लगा सकते हैं। वे इस प्रकार लगी हों कि वे आपस में टकराने से बजें व उनसे आवाज उत्पन्न होती हो। इस दिशा में अतिथि कक्ष या अतिथि शयन कक्ष बनाते हैं तो बहुत अच्छा रहेगा। यदि फैकट्री है तो इसमें आप बिक्री योग्य तैयार माल रखिये। इस दिशा में बने कमरे में आप शादी के लायक बच्चों को दे सकते हैं। उनको दे सकते हैं जिनको आपने नौकरी पर भेजना है, विदेश भेजना है या जिनसे आपने व्यवसाय शुरू करवाना है।

कभी भी इस दिशा में भूमिगत गड्डा या बोरिंग न करें। इस दिशा को सौंदर्यपूर्ण बनाने के लिए नीचा न करें।

9.   केन्द्र

पुराने जमाने में केन्द्र को खुला छोड़ा जाता था व वहाँ पर तुलसी का पौधा लगाया जाता था। लेकिन आजकल हमारे पास इतने बड़े घर नही हैं। लेकिन फिर भी इसको जितना कम भारी रखेंगे, जितना ज्यादा खुला रखेंगे तो उतना ही अच्छा। खुला रखने से इस पर जाल डालें या सफेद रंग का पीरामिड लगाएं। पीरामिड लगाने से शुद्ध रोशनी घर में आएगी जो अच्छा परिणाम देगी। इस जगह पर कभी भी शौचालय, रसोई, सीढ़ीयाँ, बोरिंग, उपरी पानी की टैंकी न बनाएं। इसको लॉबी की तरह उपयोग करें। इसको आप भोजनकक्ष की उपयोग कर सकते हैं व यहाँ पर बैठकर सारा परिवार खाना खाएं।

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