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बच्चों की शिक्षा
शिक्षा से सम्बन्धित केवल तीन ही दिशाएं उत्तर-पूर्व, पूर्व व पश्चिम हैं जो बच्चों की शिक्षा में बहुत अच्छा योगदान करती हैं। यदि सम्भव हो सके तो कम से कम परीक्षा के दौरान बच्चों को इन दिशाओं वाले कमरे देंगे तो भी उनके अच्छे नम्बर आ जाएंगे। पढ़ते समय बच्चों का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। क्योंकि यही दिशा ज्ञान व सूर्य की दिशा है। यदि आप अपने बच्चों को इन दिशाओं में स्थापित करते हैं व उनका पढ़ते समय उनका चेहरा पूर्व की ओर होगा तो उनकी पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी। उत्तर-पूर्व में आपका शौचालय, सीढ़ीयाँ, रसोई, सेप्टिक टैंक व छत पर पानी की टैंकी नही होनी चाहिए। इससे बच्चों की शिक्षा, शारीरिक व मानसिक विकास अवरूध हो जाएगा। यदि इनमें से कोई एक भी उत्तर-पूर्व की दिशा में होगा तो आप अपने बच्चों को चाहे तो उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम या अन्य किसी भी जगह स्थपित कीजिएगा, बच्चे ठीक से नही पढ़ेंगे। वे मुश्किल से परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे।
बच्चों के कमरे में पश्चिम दिशा वाली दीवार पर पुस्तकें रखने की जगह बनाए। इस दिशा में पुस्तकें रखने से बच्चे पुस्तकों को जरूर पढ़ते हैं। जब भी बच्चे परीक्षा देने के लिए घर से जाते हैं तो पीले रंग का वस्त्र धारण करवाएं या फिर उनको पीले रंग का रूमाल जेब में रखने के लिए कहें। परीक्षा के दिनों में आप बच्चों के कमरे में मेज पर सरस्वती यन्त्र या शिक्षा यन्त्र स्थापित करें। घर में मोरपंख रखें। मोरपंख को सरस्वती जी के चरणों में रखें। बच्चों को बोलें कि सरस्वती वन्दना करें व सुबह-शाम मोपंख से सिर पर थोड़ी सी हवा करें।
1. उत्तर: यदि आपके पास उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम में बच्चों के लिए कमरा नही है तो आप उत्तर दिशा वाला कमरा बच्चों को दे सकते हैं।
2. उत्तर-पूर्व: बच्चों की पढ़ाई के लिए यह दिशा बहुत-बहुत अच्छी है। यदि आप इस दिशा वाला कमरा बच्चों को नही दे सकते हैं तो कम से कम परीक्षा के दिनों में यह कमरा जरूर दें। ध्यान रहे कि यह दिशा दोषरहित हो।
3. पूर्व: यह दिशा ज्ञान की दिशा है। यदि आपके पास उत्तर-पूर्व का कमरा बच्चों को देने के लिए नही है तो आप इस दिशा वाला कमरा बच्चों को दें।
4. दक्षिण-पूर्व: दक्षिण-पूर्व वाले कमरे को बच्चों को न दें तो बहुत अच्छा है।
5. दक्षिण: पढ़ने लिखने वाले बच्चों को यह कमरा न दें। यदि आप यह कमरा बच्चों को देंगे तो उनका उस कमरे या घर से बाहर निकलने का मन ही नहीं करेगा। वे पढ़ाई में पीछे रह जाएंगे।
6. दक्षिण-पश्चिम: यह कमरा भी पढ़ने लिखने वाले बच्चों को न दें। यदि आप यह कमरा बच्चों को देंगे तो उनका उस कमरे या घर से बाहर निकलने का मन बिल्कुल ही नहीं करेगा। वे पढ़ाई में पीछे रह जाएंगे। वे घर में अपना अधिमान्य स्थापित कर लेंगे।
7. पश्चिम: यदि आपके घर में उत्तर-पूर्व या पूर्व का कमरा नही है तो आप पश्चिम वाला कमरा बच्चों को दें।
8. उत्तर- पश्चिम: यदि आपके पास उत्तर-पूर्व, पूर्व, पश्चिम या उत्तर में भी कमरा नही है तो आप उत्तर-पश्चिम वाला कमरा बच्चों को दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि यह कमरा उन नौजवान बच्चों को दें जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं, विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं। जिनकी शादी नही हो रही है।
9. केन्द्र: केन्द्र में भी पढ़ने-लिखने वाले बच्चों को जगह न दें।