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स्वास्थय लाभ के लिए वास्तु

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1.      उत्तर

यदि उत्तर दिशा में सीढ़ीयाँ, छत पर पानी की टैंकी है तो शरीर के ऊपरी हिस्सों जैसे कि सिर, गर्दन कंधों में दर्द होगा।

यदि उत्तर दिशा में रसोई होगी तो घर की महिलाओं के ऊपरी हिस्सों जैसे कि सिर, गर्दन कंधों में दर्द, एलर्जी, चर्म रोग रोग हो सकता है।

2.   उत्तर-पूर्व

यदि उत्तर-पूर्व में शौचालय या सेप्टिक टैंक होगा तो घर के मुखिया को सिर से सम्बन्धित समस्याएं जैसे कि टयूमर, सिर दर्द, माईग्रेन हो सकता है। लड़के के स्वास्थय में कमी होगी।

यदि उत्तर-पूर्व में सीढ़ीया, पानी की टैंकी या सेप्टिक टैंक होगा तो घर की महिलाओं का स्वास्थय खराब होगा। उनको बार-बार गर्भपात हो सकता है। पुत्र योग की सम्भावना कम हो जाएगी।

उत्तर-पूर्व में रसोई होने से महिलाओं का स्वास्थ्य खराब रहेगा जैसे कि सिर कंधों में दर्द, गर्दन (सर्वाईकल) में दर्द हो सकता है।

3.   पूर्व

यदि पूर्व दिशा में सीढ़ीयाँ या छत पर पानी की टैंकी हैं तो घर के मुखिया के स्वास्थय में गिरावट आएगी जैसे कि दिल जीगर की समस्या, डायबिटिस हो सकती है।

बच्चों की शारीरिक मानसिक वृ​द्धि में कमी, उनकी शिक्षा में बाधा, उनके ऊपरी हिस्सों में समस्या हो सकती है।

पूर्व में रसोई होने से महिलाओं का स्वास्थ्य खराब रहेगा जैसे कि सिर कंधों में दर्द, गर्दन (सर्वाईकल) में दर्द हो सकता है।

4.   दक्षिण-पूर्व

दक्षिण-पूर्व में टी-पांईट, गड्डा, बोरिंग, सेप्टिक टैंक होगा तो घर की महिलाओं खासतौर पर बड़ी महिलाओं को हाथों, भुजाओं (खासतौर पर दायीं), टाँगों पूरे शरीर में दर्द हो सकता है। इनसे भी ज्यादा मध्यम उम्र का लड़का प्रभावित होता है। वह शारीरिक मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो सकता है।

5.      दक्षिण

दक्षिण दिशा में यदि गड्डा, बोरिंग, सेप्टिक टैंक होगा तो घर के मुखिया को दिल की समस्या, शरीर में दर्द, सर्वाईकल, घुटनों में दर्द, जाँघों में दर्द हो सकता है।

दक्षिण दिशा में टी-पांईट होने से सीधेतौर पर घर के मुखिया की सेहत को खराब करता है। यहाँ तक कि मृत्यु तक भी हो सकती है।

6. दक्षिण-पश्चिम

दक्षिण-पश्चिम दिशा जिन्दगी में अचानक ही परिस्थितियाँ बदल देती हैं। यदि इस दिशा में गड्डा, बोरिंग, सेप्टिक टैंक होगा तो घर के मुखिया को दिल की समस्या, दिल के ऑपरेशन से गुजरना पड़ सकता है। यहाँ तक की उसकी मृत्यु तक भी हो सकती है।

यदि दक्षिण-पश्चिम में रसोई होगी तो घर की महिलाओं के कुल्हों, टांगों व पीठ में दर्द हो सकता है।

दक्षिण-पश्चिम में शौचालय होने से घर के मुखिया की पूरी तरह से सेहत प्रभावित होगी। उसको जोड़ों का दर्द, पूरे शरीर में दर्द (खासतौर पर नीचले हिस्सों में) होगा।

दक्षिण दिशा में टी-पांईट होने से सीधेतौर पर घर के मुखिया की सेहत को खराब करता है। यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

7. पश्चिम

पश्चिम की दिशा में गड्डा, बोरिंग या नीचा नही होना चाहिए, नही तो घर की महिलाओं चर्म रोग, दिल की बीमारी, सिर व दांतों में दर्द हो सकता है। उनका मन चिड़चिड़ा हो जाएगा जिससे घर में आपसी सम्बन्ध भी प्रभावित होंगे।

पश्चिम दिशा का टी-पांईट घर की महिलाओं को स्वास्थ्य हानि पँहुचाता है।

8. उत्तर-पश्चिम

यदि उत्तर-पश्चिम में गड्डा, बोरिंग, भूमिगत पानी का टैंक होगा तो बायें हाथ में लकवाग्रस्त जैसा दर्द, ​दिल की बीमारी, बायें हाथ में चोट या टूट-फूट हो सकती है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा का टी-पांईट भी घर की महिलाओं को स्वास्थ्य हानि पँहुचाता है।

9. केन्द्र

यदि केन्द्र में सीढ़ीयाँ, बोरिंग, नीचा होगा, रसोई, शौचालय, स्टोर या भारी होगा तो पेट सम्बन्धित बीमारीयाँ खासतौर पर घर के मुखिया को देखने को मिलेंगी। उनको जीगर (liver) की समस्या हो सकती है।

यदि केन्द्र में गट्टर (Gutter) होगा तो परिवार के सदस्यों का पेट खराब रहेगा, उनको पेट में अल्सर (ulcer) व गैस की समस्या हो सकती है।

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