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वास्तु की कुछ भ्रान्तियाँ
दक्षिण की दिशा अशुभ, बुरी होती है
यह गलत है। ईश्वर की बनाई हुई कोई भी दिशा गलत नही हो सकती। दक्षिण दिशा आपको स्थिरता व मजबूती प्रदान करती है। जरूरी यह है कि हम हर दिशा का सही उपयोग करें।
यदि ग्रह चाल अच्छी नही है तो क्या वास्तु उस समय भी साथ देता है?
हाँ, वास्तु उस समय भी साथ देता है। यदि आपकी ग्रह-चाल की वजह से आपका नुकसान होता है और यदि आपके वास्तु नियम ठीक हैं तो वे काफी हद तक आपके नुकसान को बचा सकते हैं। वास्तु नियम आपको सहारा देंगे। नुकसान को टाला नही जा सकता है लेकिन वास्तु नियम नुकसान को कम करेंगे। यदि आपकी ग्रह-चाल ठीक है तो आपको जो मिलना है तो सुगमता से मिलेगा। ग्रह-चाल आपके कंट्रोल में नही है लेकिन वास्तु नियम आपके कंट्रोल मे हैं। वास्तु नियम लागू करना आसान हैं न कि ग्रह-चाल।
क्या किराये के घर पर वास्तु नियम लागू होते हैं?
हाँ, किराये के घर पर वास्तु नियम लागू होते हैं। यदि किराये के घर का वास्तु अच्छा या खराब है तो वैसे ही आप पर प्रभाव डालेगा।
क्या बिना तोड़-फोड़ के वास्तु को ठीक किया जा सकता है?
नही, बिना तोड़-फोड़ के वास्तु को ठीक नही किया जा सकता है।
घर व कार्यस्थल का वास्तु सही होना चाहिए तभी आपको सही लाभ मिल सकता है। यदि आपके घर का वास्तु सही है लेकिन आपके कार्यस्थ्ल का वास्तु सही नही है तो आप सुख-समृधि की कामना नही कर सकते हैं।
दूसरे की चमक-दमक से यह अन्दाजा मत लगाईगा कि उसके पास हर सम्भव सुख-समृधि है। (Everything that is gliter is not gold) अकेला धन होने से सुख-समृधि नही होती है। धन कभी भी सुख-समृधि के बराबर नही हो सकता है।
आप जो भी कर्म करते हैं वह सबसे उपर है। कर्म से ही आप भाग्य बना सकते हैं। इसलिए आप कर्मयोगी बनिये, भाग्यवादी नही।