Dissemination of Knowledge: कार्बोज की अधिकता का प्रभाव, Effect of excessive intake of carbohydrates कार्बोज की अधिकता का प्रभाव, Effect of excessive intake of carbohydrates ================================================================================ drklsb on कार्बोहाइे्रट; कार्बोहाइे्रट्स का वर्गीकरण; मोनोसैक्राइड; डाइसैक्राइड; पोलीसैक्राइड; कार्बोज की प्राप्ति के साधन; कार्बोज़ के कार्य; कार्बोज़ की कमी का प्रभाव; कार्बोज की अधिकता का प्रभाव; कार्बोज की दैनिक ‌‌‌आवश्यकता ------------------------------------------------- 1. हृदय सम्बन्धी विकार (Heart related Problems): ‌‌‌आवश्यकता से अधिक कार्बोज लेने से ‌‌‌अभिशोषित ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा यकृत तथा ‌‌‌माँसपेशियों में ग्लायकोजन के रूप में एकत्रित हो जाती है। मात्रा और अधिक बढ़ने से कार्बोज वसा के रूप में त्वचा के नीचे स्थित एडीपोज ऊतकों (Adipose tissues) में जमा हो जाते हैं। इससे शरीर का भार बढ़ जाता है मथा मोटापा (Obesity) आ जाता है। मोटापे से मधुमेह (Diabetes), एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) तथा अन्य कर्इ रोग की होने की संभावना बढ़ जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस नामक रोग से रक्त वाहिनियों में वसा जम जाता है जो रक्त वाहिनियों को कड़ा कर देती है। वाहिनियों में रक्त परिवहन के लिए स्थान कम रह जाता है। इससे हृदय सम्बन्धी विकार उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है। 2. मधुमेह (Diabetes): - क्लोम (Pancreas) के कोशें से इन्सुलिन (insulin) नामक एक हारमोन निकलता है। ग्लूकोज का उपापचयन इन्सुलिन पर निर्भर करता है। शरीर में इन्सुलिन की कमी होने से ग्लूकोज का ग्लायकोजन में परिवर्तन नहीं होता । सामान्यता भूख के समय 100 मिली लिटर रक्त में ग्लूकोज का मात्रा 80-120 मिली ग्राम होती है। (80-120mg/100mg/ of blood) कार्बोज की मात्रा बढ़ने से इन्सुलिन की मात्रा का अनुपात कम हो जाता है। इसलिए मोटे व्यक्ति को मधुमेह रोग दूसरे व्यक्तियों की अपेक्षा जल्दी होने की संभावना होती है। 3. दातों में सड़न (Dental Caries): - मीठे कार्बोज युक्त पदार्थ जैसे टॉफी, चॉकलेट, गाोली, मिठार्इ आदिसे दांतों में सड़न पैदा होती है तथा कीड़ा लग जाता है क्योंकि इनका कुछ अंश दांतों में चिपका रह जाता है। मीठे भोज्य पदार्थो के कुप्रभाव से बचने के लिए इनके सेवन के पशचात दांतों में बुश करने की आदत डालनी चाहिए। 4. पाचन में कठिनता (Difficulty in digestion): - कार्बोज की अधिक मात्रा लेने से इसका कुछ भाग आंतों में रह जाता है जो सड़कर गन्दी वायु तथा उत्तेजक अम्ल बनाता है। इससे पाचन में कठिनता तथा अतिसार की संभावना हो जाती है। पेट फूल सकता है तथा पानी की प्यास बार-बार लगती है। ‌‌‌अन्य समस्याएं जो कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकता से शरीर में होती हैं। (‌‌‌English version - यहाँ पर क्लिक करें) ‌‌‌सरोज बाला, ‌‌‌कुरूक्षेत्र (‌‌‌हरियाणा